पहलगाम हमले के लिए जिम्मेदार ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट' पर US का बड़ा एक्शन, आतंकवादी संगठन घोषित किया
Pahalgam Terror Attack: अमेरिका ने जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के लिए जिम्मेदार पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया है। अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को एक बयान जारी करके यह जानकारी दी।
बयान में विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि यह कार्रवाई पहलगाम हमला मामले में न्याय संबंधी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रुख पर काम करने की अमेरिका की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
अमेरिका के इस कदम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए वाशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास ने कहा कि इससे पता चलता है कि भारत-अमेरिका आतंकवाद-रोधी सहयोग कितना मजबूत है।
रुबियो ने कहा कि विदेश मंत्रालय TRF को विदेशी आतंकवादी संगठन (FTO) और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (STGT) घोषित करता है।
रुबियो ने कहा कि TRF के खिलाफ यह कार्रवाई ‘‘हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा हितों की रक्षा, आतंकवाद का मुकाबला करने और पहलगाम हमले में न्याय के राष्ट्रपति ट्रंप के रुख पर काम करने की प्रशासन की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।''
उन्होंने कहा, ‘‘यह (पहलगाम हमला) 2008 में लश्कर-ए-तैयबा द्वारा किए गए मुंबई हमलों के बाद भारत में नागरिकों पर सबसे घातक हमला था। TRF ने भारतीय सुरक्षा बलों के खिलाफ कई हमलों की जिम्मेदारी भी ली है, जिनमें 2024 में किया गया हमला भी शामिल है।''
भारत ने टीआरएफ को वैश्विक आतंकवादी संगठन घोषित करने के अमेरिका के फैसले का स्वागत किया
भारत ने पहलगाम आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी लेने वाले लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के मुखौटा संगठन टीआरएफ को अमेरिका द्वारा वैश्विक आतंकवादी संगठन घोषित किए जाने का शुक्रवार को स्वागत किया। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ‘द रजिस्टेंस फ्रंट' (टीआरएफ) को वैश्विक आतंकी संगठन घोषित करने के अमेरिका के इस फैसले को भारत-अमेरिका के बीच मजबूत आतंकवाद-रोधी सहयोग का प्रमाण बताया।
उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में पाकिस्तान में स्थित लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन को प्रतिबंधित घोषित करने के लिए अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो की विशेष रूप से सराहना की। विदेश मंत्री ने कहा, "लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के मुखौटा संगठन टीआरएफ को वैश्विक आतंकवादी संगठन (एफटीओ) और विशेष रूप से प्रतिबंधित वैश्विक आतंकवादी (एसडीजीटी) घोषित करने के लिए विदेश मंत्री मार्को रूबियो और अमेरिकी विदेश मंत्रालय की सराहना करता हूं। इसने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले की जिम्मेदारी ली थी।"
इससे पहले, अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा था कि वह टीआरएफ को प्रतिबंधित वैश्विक आतंकवादी संगठन (एफटीओ) और विशेष रूप से प्रतिबंधित वैश्विक आतंकवादी (एसडीजीटी) की सूची में शामिल कर रहा है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि टीआरएफ ने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली थी जिसमें 26 लोगों की मौत हुई थी।
मंत्रालय ने कहा, "यह 2008 में लश्कर-ए-तैयबा द्वारा किए गए मुंबई हमलों के बाद भारत में आम लोगों पर किया गया सबसे घातक हमला था। टीआरएफ ने भारतीय सुरक्षा बलों के खिलाफ कई हमलों की भी जिम्मेदारी ली है, जिसमें हाल में 2024 में हुआ हमला भी शामिल है।" विदेश मंत्रालय ने कहा कि टीआरएफ के खिलाफ यह कार्रवाई ‘‘हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा हितों की रक्षा, आतंकवाद का मुकाबला करने और पहलगाम हमले में न्याय के राष्ट्रपति ट्रंप के रुख पर काम करने की प्रशासन की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।”