Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

Urvashi Rautela: उर्वशी मंदिर पर अभिनेत्री उर्वशी रौतेला का दावा विवादों में, यहां पढ़ें कहां है यह मंदिर

Urvashi Rautela: अभिनेत्री ने हाल ही में एक इंटरव्यू में दावा किया कि उनके नाम पर यह मंदिर बनाया गया है
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
Instagram/@urvashirautela
Advertisement

चंडीगढ़, 19 अप्रैल (ट्रिन्यू)

Urvashi Rautela: फिल्म अभिनेत्री उर्वशी रौतेला द्वारा बद्रीनाथ धाम के पास स्थित उर्वशी मंदिर को अपने नाम से जोड़े जाने के बयान ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। अभिनेत्री ने हाल ही में एक इंटरव्यू में दावा किया कि उनके नाम पर यह मंदिर बनाया गया है, और इसी तर्ज पर उन्होंने दक्षिण भारत में भी उनके नाम से मंदिर बनाए जाने की मांग कर डाली।

Advertisement

उनके इस बयान पर चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत ने कड़ी आपत्ति जताई है और इसे धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ करार दिया है। महापंचायत ने साफ कहा है कि अगर अभिनेत्री उर्वशी रौतेला ने बयान वापस लेकर सार्वजनिक माफी नहीं मांगी, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

तीर्थ पुरोहितों में गहरा आक्रोश

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार महापंचायत के प्रवक्ता अनुरुद्ध प्रसाद उनियाल ने कहा कि अभिनेत्री ने सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए यह बयान दिया है, जो ऐतिहासिक तथ्यों का विकृति पूर्ण प्रस्तुतीकरण है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बद्रीनाथ के पास स्थित उर्वशी मंदिर का संबंध हिंदू धर्मशास्त्रों और पौराणिक कथाओं से है और यह स्थान क्षेत्र की अधिष्ठात्री देवी उर्वशी को समर्पित है।

सोशल मीडिया पर भी उठा विवाद

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी लोगों ने अभिनेत्री की टिप्पणी की कड़ी आलोचना की है। प्रदीप मैखुरी नामक यूज़र ने लिखा, "हद है, चमोली में अप्सरा उर्वशी के नाम पर बने मंदिर को अपना मंदिर बता रही है उर्वशी रौतेला।"

क्या है उर्वशी मंदिर का पौराणिक महत्व?

प्रदीप मैखुरी ने मंदिर के बारे में लिखा कि उर्वशी मंदिर उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है और यह प्रसिद्ध बद्रीनाथ धाम के समीप है। मंदिर का नाम हिंदू मिथक की एक प्रसिद्ध अप्सरा उर्वशी के नाम पर रखा गया है।

पौराणिक कथा के अनुसार, जब भगवान नारायण और नर बद्रीनाथ क्षेत्र में कठोर तप कर रहे थे, तब इंद्र ने उनकी तपस्या भंग करने हेतु अप्सराओं को भेजा। इस पर भगवान नारायण ने अपनी जांघ (उरु) से उर्वशी को उत्पन्न किया, जो अन्य सभी अप्सराओं से अधिक सुंदर और श्रेष्ठ थीं। इसी कारण उनका नाम पड़ा "उरु-वशी", अर्थात "जांघ से उत्पन्न"। यह स्थान नीलकंठ पर्वत की तलहटी में स्थित है और ऐतिहासिक, आध्यात्मिक व प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है।

Advertisement
×