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बिहार के 6 जिलों में मां के दूध में मिला यूरेनियम

एक अध्ययन में सेहत के गंभीर खतरों के प्रति किया गया आगाह
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एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि बिहार के छह जिलों में मां के दूध (ब्रेस्ट मिल्क) में यूरेनियम काफी मात्रा में पाया गया। इससे बच्चों की सेहत को गंभीर खतरा हो सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक मानसिक स्वास्थ्य पर इसका बेहद प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका है।

‘बिहार में ब्रेस्ट मिल्क में यूरेनियम की मात्रा, माताओं और बच्चों के लिए इससे जुड़े स्वास्थ्य संबंधी खतरे का आकलन’ नाम के अध्ययन में यह बात सामने आयी। यह अध्ययन बेगूसराय, कटिहार, समस्तीपुर, भोजपुर, खगड़िया और नालंदा जिलों में किया गया। कटिहार में यूरेनियम की सबसे ज्यादा मौजूदगी सामने आई। महावीर कैंसर संस्थान और रिसर्च सेंटर (पटना), एम्स (दिल्ली), जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया- रांची, और यूनिवर्सिटी ऑफ़ पेट्रोलियम एनर्जी एंड स्टडीज़- देहरादून वगैरह द्वारा की गई इस रिसर्च में 17 से 35 साल की 40 माताओं ने हिस्सा लिया।

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विशेषज्ञों के मुताबिक हाल के सालों में भूजल में यूरेनियम के कंटैमिनेशन से हेल्थ को गंभीर खतरा हुआ है। 18 राज्यों के 151 ज़िलों में ग्राउंडवाटर इस हेवी मेटल से खराब पाया गया है। बिहार में लगभग 1.7 परसेंट भूजल स्रोत खराब हैं। बताया गया कि बिहार के गोपालगंज, सारण, सीवान, पूर्वी चंपारण, पटना, वैशाली, नवादा, नालंदा, सुपौल, कटिहार और भागलपुर के इलाकों में भूजल की स्थिति ज्यादा खराब है।

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