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UP News : विदेशी सामान खरीदने पर बोले सीएम योगी, कहा - देश आतंकवाद के रूप में चुकाता है कीमत

विदेशी सामान खरीदने की कीमत देश आतंकवाद के रूप में चुकाता है: आदित्यनाथ

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UP News : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि विदेशी सामान को खरीदने की कीमत देश को आतंकवाद के रूप में चुकानी पड़ती है। उन्होंने स्वदेशी वस्तुओं के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि जब स्वदेशी वस्तुएं खरीदी जाती हैं तो पैसा भारत के कारीगरों और उद्यमियों के पास जाता है जिससे देश की समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होता है।

उन्होंने कहा कि जब विदेशी वस्तुएं खरीदी जाती हैं, तो पैसा विदेश जाता है और बाद में देश को आतंकवाद के रूप में इसकी कीमत चुकानी पड़ती है। ‘काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी महोत्सव' के समापन समारोह में एक सभा को संबोधित करते हुए आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘जब देश आजादी की लड़ाई में आगे बढ़ रहा था तब महात्मा गांधी ने प्रत्येक व्यक्ति को स्वदेशी से जुड़ने के लिए प्रेरित किया था। स्वदेशी हमारे जीवन का उद्देश्य बनना चाहिए, स्वदेशी हमारे जीवन का मंत्र बनना चाहिए। हमें स्वदेशी के लिए जीना चाहिए और देश के लिए मरना चाहिए। यदि भारत राष्ट्रवाद की इस पराकाष्ठा के साथ आगे बढ़ता है, तो दुनिया की कोई भी ताकत भारत का कुछ नहीं बिगाड़ पाएगी।''

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कार्यक्रम के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘काकोरी ट्रेन एक्शन' में शहीद हुए देश के सपूतों को नमन किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कार्यक्रम स्थल पर पीपल का पौधा भी लगाया। छोटी बालिकाओं के हाथों राखी भी बंधवाई और बेटियों को मिठाई और चॉकलेट उपहार के रूप में दिए। इसके बाद उन्होंने संग्रहालय में सेल्फी और तस्वीरें खिंचवाईं। मुख्यमंत्री ने शहीद सैनिकों के परिजनों को भी मंच पर सम्मानित किया, जबकि ‘काकोरी ट्रेन एक्शन' की घटना पर आधारित एक पुस्तक का भी विमोचन किया। इस दौरान संस्कृति विभाग के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया जिसमें काकोरी ट्रेन कार्रवाई की उस घटना को प्रस्तुत किया गया।

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आदित्यनाथ ने कहा, ‘त्योहार शुरू हो रहे हैं। जब हम स्वदेशी वस्तुएं खरीदते हैं, तो वह पैसा हमारे कारीगरों और उद्यमियों के पास जाता है। उनके पास जाने वाला पैसा देश के विकास में खर्च होगा, देश के उत्थान में खर्च होगा और देश की समृद्धि में निवेश किया जाएगा। लेकिन जब हम विदेशी वस्तुएं खरीदते हैं, तो हम केवल पैसा ही नहीं चुकाते, हम बाद में आतंकवाद के रूप में उसकी कीमत चुकाते हैं और उसका दंश झेलने को मजबूर होते हैं।'' उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने प्रदेश और देश के लोगों से दो अक्टूबर को गांधी आश्रम से खादी की वस्तुएं खरीदने का आग्रह किया।

अपने संबोधन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 9 अगस्त 1925 को काकोरी (लखनऊ शहर के पास स्थित एक क्षेत्र) में महान क्रांतिकारियों ने लोगों के खून-पसीने से कमाए गए उस खजाने को ब्रिटिश हुकूमत से छीन लिया था जिसे वह ब्रिटेन ले जाने के फिराक में थी। उन्होंने कहा, ‘‘1927 में इस आंदोलन का नेतृत्व करने वाले रामप्रसाद बिस्मिल को गोरखपुर जेल में फांसी दे दी गई, जबकि अशफाकउल्ला खां, ठाकुर रोशन सिंह, राजेंद्रनाथ लाहिड़ी और अन्य क्रांतिकारियों को सुनवाई का अवसर दिए बिना ही अलग-अलग जेलों में फांसी पर लटका दिया गया।''

आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘चंद्रशेखर आजाद तत्कालीन सरकार की पकड़ में नहीं आ सके और उन्होंने स्वयं अंग्रेजों से लड़ते हुए वीरगति प्राप्त की। आज शताब्दी समारोह में उन्हें याद करने का अवसर है, जो हमारी वर्तमान पीढ़ी के लिए प्रेरणा हैं।'' वर्ष 2021 में उत्तर प्रदेश सरकार ने इस क्रांतिकारी घटना का नाम बदलकर ‘काकोरी ट्रेन एक्शन' कर दिया।

आधिकारिक संचार में इस घटना को संदर्भित करने के लिए इस नए नाम का इस्तेमाल किया गया जिसे आमतौर पर ‘काकोरी ट्रेन लूट' या ‘काकोरी ट्रेन षड्यंत्र' के रूप में वर्णित किया जाता था। आदित्यनाथ ने यह भी घोषणा की कि लखनऊ के मलिहाबाद के आम को ‘काकोरी ब्रांड' के तहत पूरी दुनिया में भेजा जाएगा जो ना केवल क्षेत्र के विकास का माध्यम बनेगा, बल्कि क्रांतिकारियों के प्रति यह एक श्रद्धांजलि भी होगी।

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