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बेटियों के सम्मान में अनूठी पहल, ट्रांसजेंडर देंगे परिवार को 21 हजार निवेश का सर्टिफिकेट; बदलेगा समाज का नजरिया

प्रोत्साहन राशि के रूप में ट्रांसजेंडर समुदाय को मिलेगी 1100 की धनराशि
प्रतिकात्मक चित्र।
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हरियाणा सरकार ने लिंगानुपात सुधार की दिशा में एक अनूठी और समावेशी पहल की शुरुआत की है। अब राज्यभर में ट्रांसजेंडर समुदाय को बालिकाओं के जन्म का उत्सव मनाने के लिए सक्रिय रूप से शामिल किया जाएगा। ठीक वैसे ही जैसे पारंपरिक रूप से बेटे के जन्म पर किया जाता है। यह पहल सामाजिक सोच में बदलाव और बेटियों को मान-सम्मान देने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।

अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) सुधीर राजपाल की अध्यक्षता में आयोजित राज्य कार्यबल (एसटीएफ) की बैठक में इस फैसले को मंजूरी दी गई। उन्होंने कहा कि बेटी जन्म पर जश्न मनाना समाज में मानसिकता परिवर्तन का प्रतीक बन सकता है। ट्रांसजेंडर समुदाय की भागीदारी इसे और भी प्रभावशाली बनाएगी। इस पहल के तहत, ट्रांसजेंडर समुदाय के सदस्य उन घरों में जाएंगे जहां बेटी का जन्म हुआ हो। वे परिवार को 'आपकी बेटी-हमारी बेटी' योजना के अंतर्गत एलआईसी में निवेश किए गए ₹21 हजार रुपये के के प्रमाण-पत्र प्रदान करेंगे।

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साथ ही, प्रोत्साहन राशि के रूप में ट्रांसजेंडर समुदाय को ₹1100 तक की धनराशि भी दी जाएगी। इस कार्यक्रम को प्रत्येक जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी की देखरेख में संचालित किया जाएगा, ताकि पारदर्शिता और प्रभाव सुनिश्चित हो सके। सुधीर राजपाल ने कहा कि हरियाणा सरकार बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को सिर्फ नारा नहीं, व्यवहार में उतारना चाहती है। इसके लिए नीति से लेकर समाज तक समावेशी दृष्टिकोण अपनाया जा रहा है। यह पहल महिला सशक्तिकरण, ट्रांसजेंडर समुदाय की भागीदारी और सामाजिक समावेशन - तीनों मोर्चों पर सकारात्मक असर डालने की क्षमता रखती है।

रिवर्स ट्रैकिंग से अवैध गर्भपात पर शिकंजा

हरियाणा सरकार द्वारा कन्या भ्रूण हत्या पर लगाम कसने के लिए अपनाई गई रिवर्स ट्रैकिंग रणनीति असर दिखा रही है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, जुलाई 2025 के महीने में राज्यभर में संदिग्ध गर्भपात मामलों की जांच के बाद 32 एफआईआर दर्ज की गईं और 32 लोगों को गिरफ्तार किया गया। रिवर्स ट्रैकिंग की प्रक्रिया में उन मामलों की विशेष निगरानी की जाती है, जहां 12 सप्ताह से अधिक का गर्भपात हुआ हो या फिर महिलाओं की पहले से एक या अधिक बेटियां हों। इन मामलों की विशेष निगरानी कर यह पता लगाया जाता है कि गर्भपात की वजह लिंग निर्धारण तो नहीं थी।

38 अस्पतालों को नोटिस

सुधीर राजपाल ने बैठक के बाद बताया कि लिंगानुपात में सुधार के लिए अवैध गर्भपात करने वालों पर सख्त कार्रवाई ज़रूरी है। दोषी पाए जाने पर डॉक्टरों के लाइसेंस रद्द करने जैसे कदम भी उठाए जा रहे हैं। राज्यभर में 38 निजी अस्पतालों और क्लीनिकों को नोटिस भी जारी किए हैं, जो संदिग्ध गतिविधियों में शामिल पाए गए। इसके अलावा 4 अन्य मामलों में भी एफआईआर की प्रक्रिया चल रही है।

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