ट्रेंडिंगमुख्य समाचारदेशविदेशखेलबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाफीचरसंपादकीयआपकी रायटिप्पणी

Union Budget 2025-26 : बजट पेश करने के बाद बोलीं सीतारमण - 'देश राजकोषीय मजबूती के साथ कर्ज कटौती के लक्ष्य की राह पर'

Union Budget 2025-26 : बजट पेश करने के बाद बोलीं सीतारमण - 'देश राजकोषीय मजबूती के साथ कर्ज कटौती के लक्ष्य की राह पर'
Advertisement

विजय जोशी/नई दिल्ली, 2 फरवरी (भाषा)

Union Budget 2025-26 : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि भारत राजकोषीय मजबूती के रास्ते पर आगे बढ़ने के साथ कर्ज में कटौती के लक्ष्य की ओर कदम बढ़ा रहा है। उन्होंने इस बात को तवज्जो नहीं दी कि मूडीज जैसी एजेंसियों ने इन सबके बावजूद भारत की साख को नहीं बढ़ाया है।

Advertisement

सीतारमण ने वित्त वर्ष 2025-26 के अपने बजट में राजकोषीय सूझबूझ के साथ आर्थिक वृद्धि को गति देने के बीच बेहतर संतुलन साधा है। उन्होंने न केवल मध्यम वर्ग को बड़ी कर राहत दी है, बल्कि अगले साल राजकोषीय घाटे को कम करने तथा 2031 तक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के प्रतिशत रूप में कर्ज में कमी लाने का खाका भी पेश किया। उन्होंने कहा कि भारत को वैश्विक चुनौतियों, आपूर्ति व्यवस्था के स्तर पर समस्याओं और दुनिया में संघर्षों के बीच अर्थव्यवस्था की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए महामारी के दौरान अधिक कर्ज लेना पड़ा।

सीतारमण ने पीटीआई-भाषा के साथ साक्षात्कार में कहा, ‘‘इन सबके बावजूद हमने प्रतिबद्धता दिखाई है और राजकोषीय घाटे के संबंध में हम अपनी कही बातों का पालन कर रहे हैं। एक भी साल ऐसा नहीं है, जब हम अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने में विफल रहे हों।'' मूडीज रेटिंग्स ने शनिवार को सरकार द्वारा अपने वित्त को विवेकपूर्ण ढंग से प्रबंधित करने के प्रयासों के बावजूद भारत की साख को तत्काल बढ़ाने की बात से इनकार किया था। मूडीज ने फिलहाल भारत की रेटिंग को स्थिर परिदृश्य के साथ बीएए3 पर बरकरार रखा है। यह निवेश के लिहाज से निम्न स्तर की रेटिंग है।

भारत राजकोषीय अनुशासन और मुद्रास्फीति नियंत्रण की दिशा में आगे बढ़ रहा है, लेकिन मूडीज का कहना है कि साख बढ़ाने के लिए ऋण के बोझ में पर्याप्त कमी और अधिक महत्वपूर्ण राजस्व उत्पन्न करने वाले उपाय आवश्यक हैं। हाल के सुधारों के बावजूद, राजकोषीय घाटा और कर्ज-जीडीपी अनुपात महामारी-पूर्व के स्तर की तुलना में व्यापक बना हुआ है। कर्ज पर ब्याज अदायगी की लागत बजट में सबसे बड़ा हिस्सा बनी हुई है। सीतारमण ने शनिवार को संसद में पेश अपने आठवें बजट में कहा कि पिछले साल किये गए वादे के अनुसार चालू वर्ष के लिए राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 4.8 प्रतिशत होगा इसे वित्त वर्ष 2025-26 तक घटाकर 4.4 प्रतिशत पर लाया जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने कहा है कि दीर्घकालीन स्तर पर हम अपने कर्ज का प्रबंधन इस तरह से करेंगे कि ऋण-जीडीपी अनुपात लगातार कम हो। हम ठीक वैसे ही आगे बढ़ रहे हैं, जैसा कि एक विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट में बताया गया है। कर्ज को नीचे लाया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने ऐसे कदम उठाए हैं, जो कई विकसित अर्थव्यवस्थाओं द्वारा भी नहीं उठाए गए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं किसी भी विकसित देश के साथ अपने आकार की तुलना नहीं कर रही हूं। लेकिन सिद्धांत के तौर में, सकल घरेलू उत्पाद के अनुपात में कर्ज में कटौती करना, राजकोषीय घाटे को लक्ष्य के अनुरूप बनाए रखने पर काम किया जा रहा है। और यह सब सामाजिक कल्याण योजनाओं, शिक्षा या स्वास्थ्य पर किसी भी नकारात्मक प्रभाव के बिना किया जा रहा है।'' सीतारमण ने कहा कि राजकोषीय मजबूती के रास्ते पर कायम रहते हुए, सार्वजनिक व्यय पर कोई समझौता नहीं किए बिना वृद्धि को गति देने के लिए जो भी आवश्यक है, कदम उठाए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘पूंजीगत व्यय में कमी नहीं आई है। हम दो सिद्धांतों का पालन करते है। यह है... राजकोषीय घाटे को नियंत्रण में रखने के साथ केवल सार्थक पूंजीगत व्यय के लिए कर्ज लेना।'' सीतारमण ने अगले वित्त वर्ष में पूंजीगत व्यय में मामूली वृद्धि के साथ इसे 11.21 लाख करोड़ रुपएकिए जाने के बारे में पूछे जाने पर कहा कि खर्च की गुणवत्ता को भी देखे जाने की जरूरत है। चालू वित्त वर्ष में संशोधित पूंजीगत व्यय अनुमान 10.18 लाख करोड़ रुपए है।

उन्होंने कहा कि वास्तव में हमें 2020 से हर साल पूंजीगत व्यय में 16 प्रतिशत, 17 प्रतिशत की वृद्धि की आदत हो गई है और अब यह कहा जा रहा है कि आपने 2025-26 के बजट में इसे उस अनुपात में नहीं बढ़ाया है। मैं आपसे यह भी कहना चाहूंगी कि कृपया आप विशेष रूप से पूंजीगत व्यय मद में खर्च की गुणवत्ता को देखें। सीतारमण ने उन राज्यों की भी सराहना की, जिन्हें केंद्र सरकार की ओर से पूंजीगत व्यय के तहत 50 साल के लिए ब्याज-मुक्त राशि प्राप्त हुई है।

वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘उन्होंने पूंजीगत व्यय और व्यय की गुणवत्ता में भी बहुत रुचि दिखाई है, इसलिए यह बहुत अच्छी रहा है...।'' वित्त वर्ष 2024-25 में पूंजीगत व्यय बजटीय अनुमान 11.11 लाख करोड़ रुपए से कम रहा। इसका कारण देश में आम चुनाव था। इससे चार महीने पूंजीगत व्यय प्रभावित हुआ। उन्होंने कहा, ‘‘इस वित्त वर्ष मं चुनाव के कारण पूंजीगत व्यय थोड़ा धीमा रहा। अन्यथा मेरा संशोधित अनुमान भी बजट अनुमान के करीब होता।''

Advertisement
Tags :
Budget Hindi NewsBudget Newsbudget2025budgetsession2025Hindi NewsNirmala SitharamanUnion BudgetUnion Budget 2025-26unionbudget2025केंद्रीय बजटकेंद्रीय बजट 2025-26निर्मला सीतारमणबजट समाचारबजट हिंदी समाचारहिंदी समाचार