मुख्य समाचारदेशविदेशहरियाणाचंडीगढ़पंजाबहिमाचलबिज़नेसखेलगुरुग्रामकरनालडोंट मिसएक्सप्लेनेरट्रेंडिंगलाइफस्टाइल

बैंकों और डेवलपर्स के बीच 'नापाक साठगांठ' : सीबीआई को छह और केस दर्ज करने की मंजूरी

उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता, मोहाली और प्रयागराज में रियल एस्टेट परियोजनाओं में घर खरीदारों को ठगने के लिए बैंकों और डेवलपर्स (बिल्डर) के बीच ‘नापाक साठगांठ' के संबंध में छह और...
सुप्रीम कोर्ट।
Advertisement
उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता, मोहाली और प्रयागराज में रियल एस्टेट परियोजनाओं में घर खरीदारों को ठगने के लिए बैंकों और डेवलपर्स (बिल्डर) के बीच ‘नापाक साठगांठ' के संबंध में छह और नियमित मामले दर्ज करने की अनुमति दे दी। इससे पहले, एजेंसी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने पीठ को बताया कि सीबीआई ने सुपरटेक लिमिटेड को छोड़कर दिल्ली-एनसीआर से बाहर मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता, मोहाली और प्रयागराज में स्थित विभिन्न बिल्डरों की परियोजनाओं में प्रारंभिक जांच पूरी कर ली है। सीबीआई ने पीठ से कहा कि प्रारंभिक जांच के बाद उसने पाया कि इस संबंध में संज्ञेय अपराध बनता है। सीबीआई के बयान पर गौर करते हुए अदालत ने एजेंसी को नियमित मामले दर्ज करने और कानून के अनुसार आगे बढ़ने की अनुमति दे दी।

भाटी ने कहा कि एजेंसी शीघ्र जांच के लिए छह नियमित मामले दर्ज करने और मामले में तलाशी व जब्ती करने को तैयार है। शीर्ष अदालत ने भाटी को सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट के कुछ अंश न्यायमित्र राजीव जैन के साथ साझा करने का निर्देश दिया।

Advertisement

पीठ ने 22 जुलाई को दिल्ली-एनसीआर में घर खरीदारों को ठगने के लिए बैंकों और डेवलपर्स के बीच ‘नापाक साठगांठ' की जांच के लिए एजेंसी को 22 मामले दर्ज करने की अनुमति देते हुए एनसीआर के बाहर की परियोजनाओं की प्रारंभिक जांच पूरी करने के लिए छह सप्ताह का समय दिया है। ये 22 मामले एनसीआर में कार्यरत बिल्डर और उत्तर प्रदेश व हरियाणा के विकास प्राधिकरणों से संबंधित हैं।

ब्याज अनुदान योजना के तहत बैंक स्वीकृत राशि सीधे बिल्डर के खातों में जमा करते हैं, जिन्हें तब तक स्वीकृत ऋण राशि पर ईएमआई का भुगतान करना होता है, जब तक कि फ्लैट घर खरीदारों को नहीं सौंप दिए जाते। शीर्ष अदालत 1,200 से अधिक घर खरीदारों द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है, जिन्होंने एनसीआर, विशेष रूप से नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गुरुग्राम में विभिन्न आवास परियोजनाओं में ब्याज अनुदान योजनाओं के तहत फ्लैट बुक किए थे। आरोप है कि फ्लैट का कब्जा न होने के बावजूद बैंक उन्हें ईएमआई का भुगतान करने के लिए मजबूर कर रहे हैं।

 

 

Advertisement
Show comments