UNGA Meeting : जयशंकर की वैश्विक नेताओं संग अहम बैठकें, मालदीव विकास के लिए भारत के "दृढ़" समर्थन पर की बातचीत
UNGA Meeting : विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र से इतर दुनिया भर के अपने समकक्षों के साथ कई द्विपक्षीय बैठकें कीं, जिनमें द्विपक्षीय संबंधों, क्षेत्रीय घटनाक्रमों और वैश्विक संघर्षों सहित कई मुद्दों पर चर्चा हुई। उन्होंने सोशल मीडिया पर कई पोस्ट कर इन बैठकों के बारे में जानकारी साझा की।
न्यूयॉर्क में मंगलवार शाम को नीदरलैंड के विदेश मंत्री डेविड वैन वील के साथ बैठक में जयशंकर ने ‘‘यूरोप की रणनीतिक स्थिति और भारत के दृष्टिकोण के बारे में गहन बातचीत'' की। उन्होंने डेनमार्क के विदेश मंत्री लार्स लोके रासमुसेन से भी मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने ‘‘यूरोप में हालिया घटनाक्रमों और जारी यूक्रेन संघर्ष पर उनके विचार की सराहना की। दोनों मंत्रियों ने डेनमार्क की अध्यक्षता में यूरोपीय संघ परिषद और भारत के बीच द्विपक्षीय संबंधों एवं सहयोग पर भी चर्चा की।
श्रीलंका के विदेश मंत्री विजिता हेराथ के साथ जयशंकर ने द्विपक्षीय सहयोग की प्रगति की समीक्षा की। विदेश मंत्री ने मॉरीशस के विदेश मंत्री रितेश रामफुल से भी मुलाकात की और मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम की भारत की हालिया राजकीय यात्रा के बाद की कार्रवाई पर चर्चा की। मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला खलील के साथ बैठक में, जयशंकर ने मालदीव के विकास के लिए भारत के "दृढ़" समर्थन को दोहराया।
लेसोथो के विदेश मंत्री लेजोन मपोटजोआना, सूरीनाम के मेल्विन बौवा, सोमालिया के विदेश मंत्री अब्दिसलाम अली, सेंट लूसिया के अल्वा बैप्टिस्ट और जमैका की कामिना जे. स्मिथ के साथ अलग-अलग बैठकों में द्विपक्षीय संबंधों पर भी चर्चा हुई। जयशंकर ने जमैका के विदेश मंत्री के रूप में पुन: नियुक्त किए जाने पर स्मिथ को बधाई दी और भारत-जमैका साझेदारी को मजबूत करने के प्रति आशा व्यक्त की।
उन्होंने समान विचारधारा वाले ‘ग्लोबल साउथ' देशों की उच्च-स्तरीय बैठक के दौरान सिंगापुर के विदेश मंत्री विवियन बालाकृष्णन के साथ भी ‘‘बातचीत'' की। अपने मंत्रिस्तरीय कार्यक्रमों के अलावा जयशंकर ने दुबई स्थित बहुराष्ट्रीय ‘लॉजिस्टिक्स' कंपनी डीपी वर्ल्ड के ग्रुप चेयरमैन और सीईओ सुल्तान अहमद बिन सुलेयम से मुलाकात की और ‘‘अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में वर्तमान विकास और सम्पर्क एवं साजो सामान पर उनके प्रभावों'' पर चर्चा की।
इससे पहले, उन्होंने यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों की एक अनौपचारिक बैठक में भाग लिया, जिसकी मेजबानी यूरोपीय संघ के विदेश मामलों और सुरक्षा नीति की उच्च प्रतिनिधि काजा कल्लास ने की थी। जयशंकर ने कहा कि इस बैठक ने ‘‘बहुपक्षवाद, भारत-यूरोपीय संघ साझेदारी, यूक्रेन संघर्ष, गाजा, ऊर्जा और व्यापार पर विचारों के मुक्त आदान-प्रदान'' का अवसर प्रदान किया। विदेश मंत्री 27 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करेंगे।