मुंबई/नयी दिल्ली, 29 जून (एजेंसी)
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार रात अपने पद और विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने यह घोषणा सुप्रीम कोर्ट द्वारा महाराष्ट्र के राज्यपाल की ओर से बृहस्पतिवार को उनके नेतृत्व वाली महा विकास अघाडी (एमवीए) सरकार को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए दिए निर्देश पर रोक लगाने से इनकार करने के कुछ मिनटों के बाद की। गौर हो कि सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि बृहस्पतिवार को विधानसभा में कार्यवाही राज्यपाल के फैसले के खिलाफ शिवसेना की याचिका के अंतिम परिणाम के अधीन होगी। बहुमत साबित करने के राज्यपाल के निर्देश के खिलाफ याचिका पर शीर्ष अदालत ने विधानसभा सचिव और अन्य को नोटिस भी जारी किया। पीठ ने कहा, ‘हमने यह संक्षिप्त आदेश लिखा है। हम राज्यपाल के शक्ति परीक्षण के निर्देश पर रोक नहीं लगा रहे हैं। हम रिट याचिका में नोटिस जारी कर रहे हैं। आप पांच दिनों में जवाब दायर कर सकते हैं। हम 11 जुलाई को अन्य मामलों के साथ मेरिट पर सुनवाई करेंगे। कल की कार्यवाही इस याचिका के अंतिम परिणाम पर निर्भर करेगी।’
उद्धव के इस्तीफे से ठीक पहले सुप्रीम कोर्ट में राज्यपाल के निर्देश पर जोरदार बहस हुई। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बहुमत का फैसला सिर्फ सदन के पटल पर हो सकता है। कोर्ट का फैसला आते ही उद्धव ठाकरे सोशल मीडिया पर लाइव आये और उन्होंने सीएम पद एवं विधान परिषद से इस्तीफे का ऐलान करते हुए बागियों की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘मुझसे नाराज़ क्यों हो? सूरत जाने और बोलने के बजाय आपको मेरे पास मातोश्री आना चाहिए था। मैं अब भी आपकी भावनाओं का सम्मान करता हूं। मैं सोनिया जी, शरद पवार के साथ-साथ कांग्रेस और एनसीपी को धन्यवाद देता हूं।’
शहरों के नाम बदले : बुधवार शाम उद्धव कैबिनेट ने औरंगाबाद शहर का नाम बदलकर संभाजीनगर और उस्मानाबाद का नाम धाराशिव करने को मंजूरी दी। बैठक में नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे का नाम किसान नेता दिवंगत डीबी पाटिल के नाम पर रखने को भी मंजूरी दी गई।
शिंदे गुट गोवा में, गेंद राज्यपाल के पाले में
शिवसेना के बागी विधायक अपने नेता एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में गुवाहाटी से गोवा पहुंच गए। गोवा रवानगी से पहले दिन में सभी विधायक कामाख्या मंदिर गए और वहां उन्होंने पूजा अर्चना की। इस दौरान असम के संसदीय मामलों के मंत्री पीयूष हजारिका उनके साथ रहे। एकनाथ शिंदे ने हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से बातचीत में शिवसेना के ‘बागी’ कहे जाने पर आपत्ति जतायी और कहा कि उनके समूह के सदस्य ‘असली शिवसैनिक’ हैं। पूरे दिन सभी की नजर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी रही। पूरी जिरह के बाद रात करीब नौ बजे सुप्रीम कोर्ट ने जब राज्यपाल के निर्देश पर रोक लगाने से इनकार किया तो नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस भी सक्रिय नजर आए। जानकारों का कहना है कि अब गेंद राज्यपाल के पाले में है। देखना होगा कि वह सबसे बड़े दल के नेता को सरकार बनाने का न्योता देते हैं या फिर कुछ और कदम उठाते हैं।