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Udaipur Files Dispute : कंट्रोवर्सी में फंसी फिल्म अभी नहीं होगी रिलीज, 30 जुलाई को कोर्ट में होगी अगली सुनवाई

अदालत उदयपुर फाइल्स की रिलीज को मंजूरी देने के खिलाफ याचिकाओं पर 30 जुलाई को सुनवाई करेगी
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Udaipur Files Dispute : दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को कहा कि वह फिल्म ‘‘उदयपुर फाइल्स-कन्हैया लाल टेलर मर्डर'' को रिलीज करने की केंद्र की मंजूरी को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 30 जुलाई को सुनवाई करेगा। अदालत को यह भी बताया गया कि फिल्म के निर्माताओं द्वारा फिल्म के पुन: प्रमाणन के लिए केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) में एक आवेदन किया गया है और इस पर शीघ्र ही विचार किए जाने की संभावना है।

मुख्य न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने एक याचिकाकर्ता की ओर से स्थगन का अनुरोध किये जाने के बाद याचिकाओं को बुधवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। फिल्म की रिलीज को मंजूरी देने के केंद्र के फैसले के खिलाफ याचिकाकर्ताओं को हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद दो याचिकाएं हाई कोर्ट के समक्ष सूचीबद्ध की गयीं।

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ये दोनों याचिकाएं जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी और मोहम्मद जावेद द्वारा दायर की गई हैं, जो कन्हैया लाल हत्या मामले में आरोपी है। सुप्रीम कोर्ट ने 25 जुलाई को कहा था कि फिल्म रिलीज पर रोक लगाने वाले हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली फिल्म निर्माताओं की अपील निरर्थक है, क्योंकि उन्होंने केंद्र के 21 जुलाई के आदेश को स्वीकार कर लिया है जिसमें छह जगह दृश्यों को हटाने का सुझाव देने समेत ‘डिस्क्लेमर' (अस्वीकरण) में संशोधन के साथ रिलीज को मंजूरी दी गई थी।

उदयपुर के दर्जी कन्हैया लाल की जून 2022 में कथित तौर पर मोहम्मद रियाज और मोहम्मद गौस ने हत्या कर दी थी। हमलावरों ने बाद में एक वीडियो जारी किया था जिसमें दावा किया गया था कि भारतीय जनता पार्टी की पूर्व नेता नूपुर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद पर की गई कथित विवादास्पद टिप्पणी के बाद दर्जी कन्हैया लाल शर्मा ने सोशल मीडिया पर उनके समर्थन में कथित तौर पर पोस्ट साझा किया था, जिसके लिये उसकी उसकी हत्या की गई है।

इस मामले की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने की थी और आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धाराओं के अलावा गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया था। यह मुकदमा जयपुर की विशेष एनआईए अदालत में लंबित है।

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