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सीबीआई के राडार पर दो रूसी एजेंट

भारतीयों को यूक्रेन युद्ध में भेजने का मामला
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नयी दिल्ली, 8 मार्च (एजेंसी)

सीबीआई ने एक ऐसे मानव तस्कर गिरोह का भंडाफोड़ किया, जो भारतीयों को यूक्रेन युद्धक्षेत्र में धकेलने का काम करता था। एजेंसी ऐसे दो एजेंट की जानकारी जुटा रही है। ये एजेंट रूस आने वाले भारतीयों का पासपोर्ट अपने पास जमा कर लेते थे और उन्हें सशस्त्र बलों के साथ लड़ने के लिए मजबूर करते थे।

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राजस्थान की रहने वाली क्रिस्टीना और मोइनुद्दीन छीपा रूस में हैं और दोनों ही भारतीय युवाओं को लुभावनी नौकरियों का झांसा देते थे। केंद्रीय जांच एजेंसी की प्राथमिकी में भारत भर में फैली 17 अन्य वीजा कंसल्टेंसी कंपनियों, उनके मालिकों और एजेंटों को नामजद किया गया है। सीबीआई ने आरोप लगाया कि आरोपी व्यक्ति अपने एजेंटों के माध्यम से भारतीय नागरिकों को रूसी सेना, सुरक्षा गार्ड, सहायक, बेहतर जीवन और शिक्षा से संबंधित नौकरियां दिलाने के बहाने रूस में तस्करी किया करते थे और पीड़ितों से अवैध रूप से बड़ी रकम वसूला करते थे। एजेंटों ने विद्यार्थियों को रियायती शुल्क और वीजा में विस्तार की पेशकश कर सरकारी विश्वविद्यालयों के बजाय रूस में संदिग्ध निजी विश्वविद्यालयों में प्रवेश दिलाकर स्थानीय एजेंटों की दया पर छोड़ दिया। अधिकारियों के मुताबिक, जब ये भारतीय रूस पहुंचे तो वहां के एजेंटों ने उनके पासपोर्ट जब्त कर लिए और उन्हें लड़ाकू प्रशिक्षण के बाद सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया।

शीघ्र रिहाई के लिए प्रतिबद्ध : विदेश मंत्रालय

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘हम एक बार फिर भारतीय नागरिकों से अपील करते हैं कि वे रूसी सेना में सहायक नौकरियों के लिए एजेंट द्वारा दिए गए प्रस्तावों के बहकावे में न आएं। यह जीवन के लिए खतरे और जोखिम से भरा है।’ जायसवाल ने कहा कि भारत रूसी सेना में सहायक कर्मी के रूप में कार्यरत भारतीय नागरिकों की शीघ्र रिहाई सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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