एक लाख के स्टांप पेपर पर कर दी दो रजिस्ट्रियां !
मदन लाल गर्ग/हप्र
फतेहाबाद, 19 फरवरी
तहसील कार्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार व गड़बड़झाले किसी से छिपे नहीं हैं। ऐसा ही एक मामला फतेहाबाद तहसील कार्यालय का सामने आया है कि कैसे सरकार को तो राजस्व का चूना लगाया ही गया, फ्राॅड करके खरीदार को भी एक लाख का चूना लगा दिया गया।
तहसील कार्यालयों में कार्यरत ‘सिंडिकेट’ ने एक लाख रुपए के स्टांप पेपर को ही दो रजिस्ट्रियों में इस्तेमाल कर लिया। दोनों रजिस्िट्रयाें की नकल ‘दैनिक ट्रिब्यून’ के पास है।
फतेहाबाद के मितेश मुटरेजा ने 31 मई, 2023 को फतेहाबाद में स्थित अल्फा इंटरनेशनल सिटी सेक्टर-4 के प्लॉट नंबर 333 की कन्वेयंस डीड के लिए कागजात दिए। इसमें दो स्टांप पेपर - “ 41,200 व “ 1,00,000 के लगाए गए। एक लाख के स्टांप पेपर का नं. एफसी 292023ई30 तथा जीआरएन नं. 102963758 था।
रजिस्ट्री टाइप करते समय दोनों स्टांप पेपर लगाकर उन पर प्लॉट की दो कीमतें लिखी गई।
एक कीमत वर्ष 2012 की अलॉटमेंट की दिखाकर 17 लाख 10 हजार 185 रुपए लिखी गई, जिसकी स्टांप फीस 1,41,200 रुपये बनती थी। दूसरी कीमत उस दिन 31 मई, 2023 की, जो कलेक्टर रेट के अनुसार 34 लाख, 44 हजार 480 रुपए बनती थी। इसकी स्टांप फीस 2,41,200 रुपये बनती थी। इतनी ही कीमत के स्टांप पेपर लगाए गए थे।
हुआ यूं कि 31 मई, 2023 को की गई रजिस्ट्री में लगा एक लाख का स्टांप पेपर 12 जून, 2023 को रजिस्ट्री करवाने आए रेहान मित्तल पुत्र सुनील मित्तल ने भी लगा दिया, तथा तहसील कार्यालय ने उसकी रजिस्ट्री भी कर दी। लेकिन जो रेहान मित्तल ने रजिस्ट्री करवाई उस एक लाख के उसी स्टांप पेपर पर विक्रेता व क्रेता दोनों के नाम बदले हुए थे।
31 मई, 2023 को हुई रजिस्ट्री नंबर 1894 में विक्रेता अल्फा कॉर्प डेवलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड गुरुग्राम था, जबकि क्रेता मितेश मुटरेजा फतेहाबाद था।
12 जून, 2023 को हुई रजिस्ट्री नंबर 2415 में उसी नंबर के स्टांप पेपर पर विक्रेता आरवी डेवलेपर्स फतेहाबाद तथा क्रेता रेहान मित्तल पुत्र सुनील मित्तल फतेहाबाद था। स्टांप वेंडरों से प्राप्त जानकारी के अनुसार करीब 10 महीने पहले तक स्टांप पेपर पर गलती होने पर दो बार नाम बदलने की सुविधा थी, जिसे बाद मे बंद कर दिया गया। इसी सुविधा का नाजायज फायदा उठाकर तहसील कार्यालय के कर्मचारी उक्त खेल कर गए। बताया जा रहा है कि शहर की अल्फा कॉलोनी, ग्रीन गोल्ड तथा ग्रीन पार्क कॉलोनी की 2021 से 2023 तक हुई रजिस्ट्रियों को जांचा जाए तो करोड़ों के स्टांप पेपर घोटाले का पर्दाफाश हो सकता है। तहसील परिसर में कार्यरत एक वसीका नवीस ने बताया कि यह खेल लंबे समय से चल रहा है। इसके अलावा अवैध कालोनियों में रजिस्ट्री पर पाबंदी के कारण खून का रिश्ता दिखाकर प्लॉट ट्रांसफर किए जा रहे हैं। यदि रिश्ते में बहन-भाई दिखाए गए दोनों व्यक्तियों की आईडी देखी जाए तो दोनों के पिता अलग हैं। ऐसा ही एक मामला रजिस्ट्री नंबर 3014, 27 जून, 2023 में हुआ। जिसमें अलग-अलग समुदाय के व्यक्तियों को बहन-भाई दिखाया गया। बताया गया है कि राजस्व विभाग को शिकायत के बाद इस रजिस्ट्री को रद्द कर दिया गया। बताया जाता है कि ऐसी पचासों रजिस्ट्रियां है, जिनमें दो अनजान लोगों को खून के रिश्ते में दिखाकर रजिस्ट्री कर दी गई।
क्या कहते है डीआरओ
जब इस बारे मे जिला राजस्व अधिकारी शाम लाल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह पूरा मामला जिला उपायुक्त के भी संज्ञान में है तथा इस मामले की जांच लगभग पूरी हो गई है। इसकी जांच रिपोर्ट जिला उपायुक्त को भेजी जा रही है।
