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कॉन्स्टिट्यूशन क्लब चुनाव में दो BJP नेता थे आमने-सामने, राजीव प्रताप रूडी ने रखा दबदबा कायम

Constitution Club Elections: चुनाव में भाजपा के ही नेता संजीव बालियान को मात दी
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भाजपा नेता राजीव प्रताप रूडी नई दिल्ली में कॉन्स्टिट्यूशन क्लब चुनाव में अपनी जीत का जश्न मनाते हुए। पीटीआई
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Constitution Club Elections: भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया  (Constitution Club of India) में अपनी 25 साल पुरानी पकड़ बरकरार रखते हुए सचिव (प्रशासन) पद के चुनाव में भाजपा के ही नेता संजीव बालियान को मात दी। यह मुकाबला क्लब के इतिहास में सबसे कड़े चुनावों में से एक माना जा रहा है, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, कांग्रेस की सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे सहित कई दिग्गज नेताओं ने मतदान किया।

रूडी ने आधी रात के बाद पत्रकारों से कहा कि उन्होंने 100 से अधिक वोटों से जीत दर्ज की है और उनके पैनल के अन्य सदस्य भी विजयी हुए हैं। उन्होंने इसे “सभी सांसदों और समर्थकों के लिए खूबसूरत जीत” करार दिया।

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क्लब चुनाव जीतने पर भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने कहा, "... मैं 100 से ज़्यादा वोटों से जीता हूं और अगर इसे 1000 वोटों से गुणा किया जाए, तो यह संख्या 1 लाख हो जाती है। यह मेरे पैनल की जीत है मैं आभार व्यक्त करना चाहूंगा। सभी पार्टियों के नेताओं ने इसमें भागीदारी ली... मेरे पैनल में बीजेपी, कांग्रेस, सपा, टीएमसी, TDP और निर्दलीय के सदस्य थे सबकी मेहनत से ये कामयाबी मिली है तो मैं उन सभी को आभार व्यक्त करना चाहूंगा... मुझे लगता है मेरे सांसद मित्रों और मेरी टीम और मुझे पिछले दो दशकों की मेहनत का फल मिला।"

करीब 1,295 वर्तमान और पूर्व सांसदों की मतदाता सूची में से 680 से अधिक वैध मत डाले गए, जो अब तक के सबसे अधिक मतदान प्रतिशतों में से एक है। इससे पहले रूडी कई बार निर्विरोध चुने गए थे, लेकिन इस बार दो बार के पूर्व सांसद संजीव बालियान ने उन्हें चुनौती दी।

चुनाव में 14 उम्मीदवार 11 कार्यकारी सदस्य पदों के लिए भी मैदान में थे। रूडी ने अपने कार्यकाल में क्लब में आधुनिक सुविधाएं जोड़ने और उसके कायाकल्प का हवाला देते हुए समर्थन मांगा, जबकि बालियान ने बदलाव का नारा देते हुए क्लब को केवल सांसदों और पूर्व सांसदों के लिए केंद्रित करने की बात कही। संविधान क्लब के पदेन अध्यक्ष लोकसभा अध्यक्ष होते हैं, लेकिन सचिव का पद कार्यकारी संचालन में अहम भूमिका निभाता है।

कॉन्स्टिट्यूशन क्लब : सांसदों, पूर्व संसद सदस्यों के लिए तरोताजा होने का एक स्थान

संसद भवन से बमुश्किल कुछ सौ मीटर की दूरी पर स्थित, कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया (सीसीआई) में सांसद दिनभर के कामकाज के बाद जिम में कसरत करते हैं या तरोताजा होने के लिए कुछ पल स्विमिंग पूल में बिताते हैं। सीसीआई का इतिहास स्वतंत्र भारत जितना ही पुराना है। इसकी स्थापना 1947 में संविधान सभा के उन सदस्यों के लिए एक स्थान के रूप में की गई थी, जिन्हें संविधान का मसौदा तैयार करने का काम सौंपा गया था। ये सदस्य उस समय कर्जन रोड कहे जाने वाले कॉन्स्टिट्यूशन हाउस में रहते थे।

कस्तूरबा गांधी रोड पर स्थित मूल कॉन्स्टिट्यूशन हाउस में अब सिविल सेवा अधिकारी संस्थान है। स्वतंत्रता के तुरंत बाद के दिनों में, संविधान सभा के सदस्य कॉन्स्टिट्यूशन हाउस में ठहरते थे और विशाल भोजन कक्षों में अपने मेहमानों का स्वागत सत्कार करते थे। भोजन के बाद की चर्चाएं और गपशप परिसर के हरे-भरे लॉन में की जाती थीं।

वर्तमान सीसीआई का उद्घाटन 1965 में तत्कालीन राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने किया था और यह सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत एक सोसायटी के रूप में पंजीकृत है। लोकसभा अध्यक्ष सीसीआई के पदेन अध्यक्ष होते हैं, राज्यसभा के उपसभापति इसके महासचिव हैं और केंद्रीय शहरी विकास मंत्री उपाध्यक्ष होते हैं। सीसीआई की 11 सदस्यीय कार्य समिति में प्रशासन, खेल और संस्कृति मामलों के तीन प्रभारी सचिव और कोषाध्यक्ष होते हैं।

सीसीआई में दो रेस्टोरेंट हैं। इनमें आम जनता के लिए आर्टिकल 21 और क्लब के सदस्यों के लिए ‘द प्रीएम्बल' रेस्टोरेंट है। इसके परिसर में एक कॉफी हाउस, स्वास्थ्य केंद्र, स्पा, यूनिसेक्स सेलोन, बिलियर्ड्स रूम, एक बैडमिंटन कोर्ट, आराम लाउंज और सम्मेलन सुविधाएं भी हैं। पिछले कुछ वर्षों में, सीसीआई राजनीतिक बैठकों, कला और शिल्प प्रदर्शनियों, समारोहों, सम्मेलनों और बैठकों के लिए एक लोकप्रिय स्थल के रूप में उभरा है।

राजीव प्रताप रूडी ने क्लब प्रबंधन में अपना 25 साल पुराना दबदबा कायम रखते हुए सचिव (प्रशासन) के पद पर अपना कब्जा बरकरार रखा और मंगलवार को हुए चुनाव में साथी भाजपा नेता संजीव बालियान को हरा दिया। चुनाव में भाजपा के अमित शाह और कांग्रेस की सोनिया गांधी सहित कई प्रमुख सदस्यों ने भाग लिया। इससे पहले, भाजपा के राज्यसभा सदस्य प्रदीप कुमार वर्मा द्वारा उम्मीदवारी वापस लेने के बाद कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला को सचिव (खेल) के रूप में निर्वाचित घोषित किया गया था।

इसी तरह, पूर्व भाजपा सांसद प्रदीप गांधी द्वारा अपनी उम्मीदवारी वापस लेने के बाद द्रमुक सदस्य तिरुचि शिवा को सचिव (संस्कृति) के रूप में निर्वाचित किया गया। द्रमुक सांसद पी विल्सन द्वारा अपनी उम्मीदवारी वापस लेने के बाद पूर्व बीआरएस सांसद ए पी जितेंद्र रेड्डी को कोषाध्यक्ष के रूप में निर्वाचित घोषित किया गया था। कार्यकारी समिति के 11 सदस्यों में नरेश अग्रवाल, प्रसून बनर्जी, प्रदीप गांधी, नवीन जिंदल, दीपेंद्र सिंह हुड्डा, एन के प्रेमचंद्रन, प्रदीप कुमार वर्मा, जसबीर सिंह गिल, कलिकेश नारायण सिंह देव, श्रीरंग अप्पा बार्ने और अक्षय यादव को चुना गया है।

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