नयी दिल्ली, 17 जून (एजेंसी)
ट्विटर इंडिया के प्रबंध निदेशक (एमडी) मनीष माहेश्वरी से दिल्ली पुलिस ने ‘कोविड टूलकिट’ मामले में अपनी जांच के सिलसिले में पिछले महीने पूछताछ की थी। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने इस बारे में और अधिक जानकारी तो नहीं दी, लेकिन यह बताया कि माहेश्वरी से उपयोगकर्ताओं (यूजर) के ट्वीट को ‘मैनिपुलेटेड मीडिया’ (छेड़छाड़ किया हुआ) करार देने संबंधी कंपनी की नीति के बारे में भी सवाल किए गए। दरसअल, ट्विटर ने भाजपा नेता संबित पात्रा के एक ट्वीट पर ‘मैनिपुलेटेड मीडिया’ का टैग लगा दिया था, जिसमें सांबा ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने कोविड-19 महामारी से निपटने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि खराब करने के लिए एक ‘टूलकिट’ बनाया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बृहस्पतिवार को कहा कि मामले की जांच कर रहे दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ के दल को 31 मई को बेंगलुरु भेजा गया था जहां माहेश्वरी से पूछताछ हुई। ट्विटर द्वारा पात्रा के एक ट्वीट पर ‘मैनिपुलेटेड मीडिया’ का टैग लगाने के बाद दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ के कर्मी 24 मई को ट्विटर इंडिया के दो दफ्तरों में पहुंच गए थे और इस बारे में सूचना साझा करने को कहा कि किस आधार पर पात्रा के ट्वीट को इस श्रेणी में रखा गया। विपक्षी कांग्रेस और वाम दल ने पुलिस की कार्रवाई की कड़ी आलोचना की और आरोप लगाया कि सरकार बोलने एवं अभिव्यक्ति की आजादी को दबाने की कोशिश कर रही है और डराने-धमकाने का काम कर रही है। अपने कार्यालय में दिल्ली पुलिस के पहुंचने का विरोध करते हुए ट्विटर ने ‘पुलिस द्वारा डराने-धमकाने की रणनीति के इस्तेमाल’ पर चिंता जताते हुए कहा था कि वह भारत में अपने कर्मचारियों की सुरक्षा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए संभावित खतरे के बारे में चिंतित है।