भारत के खिलाफ जहर उगल रहे थे ट्रंप के 'खास' पीटर नवारो, X ने पोल खोली तो एलन मस्क पर भड़के
Navarro vs Musk: व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने रूसी तेल की खरीद जारी रखने के लिए एक बार फिर भारत की आलोचना की। नवारो ने पिछले कुछ हफ्तों में रूस के साथ ऊर्जा संबंधों को लेकर भारत पर कई बार निशाना साधा है।
उन्होंने शनिवार को ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ वाह, एलन मस्क लोगों के पोस्ट से दुष्प्रचार को बढ़ावा दे रहे हैं। नीचे दिया गया बकवास नोट भी यही है। बकवास। भारत रूस से तेल सिर्फ मुनाफा कमाने के लिए खरीदता है। रूस के यूक्रेन पर आक्रमण करने से पहले वह तेल नहीं खरीदता था। भारतीय सरकार की प्रचार मशीन तेजी से आगे बढ़ रही है। यूक्रेनियों को मारना बंद करो। अमेरिकियों की नौकरियां छीनना बंद करो।''
Wow. @elonmusk is letting propaganda into people's posts. That crap note below is just that. Crap. India buys Russia oil solely to profiteer. It didn't buy any before Russia invaded Ukraine. Indian govt spin machine moving high tilt. Stop killing Ukranians. Stop taking… https://t.co/Uj1NMUrVOM
— Peter Navarro (@RealPNavarro) September 6, 2025
भारत का कहना है कि उसकी ऊर्जा खरीद राष्ट्रीय हित और बाज़ार की गतिशीलता से प्रेरित है। नवारो ने उनकी पिछले पोस्ट पर किए गए एक ‘कम्युनिटी पोस्ट' के उत्तर में यह जवाब दिया था। उस पोस्ट में उन्होंने कहा था कि भारत रूस से जो तेल खरीद रहा है उससे रूसी युद्ध तंत्र को पैसा मिल रहा है।
उन्होंने कहा था, ‘‘भारत के अधिक शुल्क से अमेरिकी नौकरियां खत्म हो रही हैं। भारत रूसी तेल को विशुद्ध रूप से लाभ कमाने के लिए खरीदता है। इस राजस्व से रूसी युद्ध मशीन चलती है। यूक्रेनी और रूसी लोग मरते हैं। अमेरिकी करदाताओं को अधिक भुगतान करना पड़ता है...।''
कम्युनिटी पोस्ट में नवारो के दावों को ‘‘पाखंड'' बताया गया। इसमें कहा गया, ‘‘ ऊर्जा सुरक्षा के लिए भारत द्वारा रूसी तेल की वैध, संप्रभु ख़रीद अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन नहीं है। अमेरिका भारत पर दबाव डाल रहा है जबकि खुद अरबों डॉलर के रूसी सामान जैसे यूरेनियम का आयात जारी रखे हुए है, जो उसके दोहरे मापदंड को साफ़ तौर पर उजागर करता है।''
‘एक्स' के अनुसार कम्युनिटी नोट्स का उद्देश्य ‘‘ऐसी दुनिया बनाना है जहां लोगों को सही जानकारी हो'' और इसके लिए सोशल मीडिया मंच पर लोगों को यह मौका दिया जाता है कि वे ‘‘संभावित रूप से भ्रामक पोस्ट्स में संदर्भ जोड़ सकें।'' इसमें उपयोगकर्ता किसी भी पोस्ट पर टिप्पणी कर सकते हैं और यदि विभिन्न दृष्टिकोणों से पर्याप्त उपयोगकर्ता उस टिप्पणी को उपयोगी मानते हैं तो वह सार्वजनिक रूप से पोस्ट पर दिखाई जाती है।