Tribune
PT
Subscribe To Print Edition About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

Trump Tariff Policy : भारतीय वस्तुओं पर 50% शुल्क,अमेरिका के फैसले पर भारत ने जताई कड़ी आपत्ति

भारतीय वस्तुओं पर शुल्क 50 प्रतिशत करने का अमेरिका का फैसला एकतरफा, तर्कहीन: अधिकारी

  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

Trump Tariff Policy : अमेरिका के भारत पर शुल्क दोगुना करके 50 प्रतिशत करने के एक दिन बाद, एक वरिष्ठ भारतीय अधिकारी ने बृहस्पतिवार को कहा कि यह एकतरफा फैसला है, जिसमें कोई तर्क या कारण नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि नई दिल्ली और वाशिंगटन डीसी के बीच बातचीत अभी भी जारी है।

विदेश मंत्रालय में आर्थिक संबंधों के सचिव दम्मू रवि ने यहां संवाददाताओं से कहा, ''यह एकतरफा फैसला है। मुझे नहीं लगता कि इसे जिस तरह से लिया गया है, उसमें कोई तर्क या कारण है।'' उन्होंने यहां एक कार्यक्रम के मौके पर कहा, ''यह एक ऐसा दौर है, जिससे हमें उबरना होगा। बातचीत अभी भी जारी है। इसलिए, हमें भरोसा है कि पारस्परिक रूप से लाभकारी साझेदारियों को देखते हुए समय के साथ समाधान निकल आएगा।''

Advertisement

रवि ने कहा कि वाणिज्य मंत्रालय भारतीय पक्ष की ओर से बातचीत का नेतृत्व कर रहा है और उम्मीद है कि कोई समाधान निकलेगा। उन्होंने बताया, ''हम समाधान खोजने के बहुत करीब थे, और मुझे लगता है कि इस गति में कुछ समय के लिए विराम लग गया है, लेकिन कोशिश जारी रहेगी।'' रवि ने कहा कि भारत और अमेरिका पिछले कुछ समय से रणनीतिक साझेदार रहे हैं और दोनों पक्षों के व्यवसाय और उद्यमी व्यापार के अवसरों की तलाश में हैं।

Advertisement

रवि ने कहा कि उच्च शुल्क का भारतीय उद्योग पर कोई हानिकारक प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जब भी किसी देश को शुल्क की दीवारों का सामना करना पड़ता है, तो वह नए बाजारों की तलाश करता है। उन्होंने आगे कहा कि भारत पश्चिम एशिया, लैटिन अमेरिका, अफ्रीका और दक्षिण एशिया में व्यापार बढ़ाने की कोशिश करेगा। उन्होंने कहा, ''अगर अमेरिका को निर्यात करना मुश्किल हो जाएगा, तो जाहिर है कि आप दूसरे अवसरों की तलाश करेंगे।''

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शुल्क फैसलों पर उन्होंने कहा, ''मेरे विचार से यह एक अस्थायी समस्या है, जिसका देश को सामना करना पड़ेगा। समय के साथ दुनिया इसका समाधान खोज लेगी। समान विचारधारा वाले देश ऐसे सहयोग और आर्थिक जुड़ाव की तलाश करेंगे जो सभी पक्षों के लिए पारस्परिक रूप से लाभकारी हो।''

Advertisement
×