इस्राइल-ईरान संघर्ष बढ़ने के बीच ट्रंप जी-7 छोड़ अमेरिका रवाना
वाशिंगटन, 17 जून (एजेंसी)
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जी-7 शिखर सम्मेलन को बीच में ही छोड़कर अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के साथ तत्काल वार्ता के लिए स्वदेश रवाना हो गए। ट्रंप ने तेहरान के 95 लाख निवासियों से अपनी जान बचाने के लिए वहां से चले जाने का आग्रह किया है। इसके साथ ही उन्होंने ईरान के साथ परमाणु समझौता संभव होने की बात भी कही है।
पांच दिन से जारी मिसाइल हमलों से इस्राइल ने ईरान को काफी नुकसान पहुंचाया है और उसे लगता है कि अब वह तेहरान के परमाणु कार्यक्रम को स्थायी झटका दे सकता है- खासकर अगर उसे ट्रंप से थोड़ी और मदद मिले। ट्रंप ने वाशिंगटन लौटने के दौरान ‘एयर फोर्स वन’ में संवाददाताओं से कहा, ‘ईरान परमाणु हथियार नहीं बना सकता।’ उन्होंने ईरानी नेताओं पर अपने परमाणु कार्यक्रम पर किसी समझौते पर पहुंचने के लिए अनिच्छुक होने का आरोप लगाया और सुझाव दिया कि अब उनकी उनसे बातचीत करने में दिलचस्पी घट गई है। ट्रंप ने कहा, ‘उन्हें समझौता कर लेना चाहिए था। मैंने उनसे कहा, समझौता कर लो। इसलिए मुझे नहीं पता। मैं बातचीत करने के मूड में नहीं हूं।’
राष्ट्रपति ट्रंप अपने सलाहकारों से मिलने वाले हैं, जिससे संकेत मिलता है कि संघर्ष में अमेरिका की प्रत्यक्ष भूमिका बढ़ने वाली है। उनके रुख में बदलाव ऐसे वक्त आया है जब अमेरिका ने क्षेत्र में युद्धपोतों और सैन्य विमानों को फिर से तैनात किया है ताकि अगर इस्राइल और ईरान के बीच संघर्ष और बढ़ता है तो वे उसका जवाब दे सकें। निकासी के बारे में पूछे जाने पर ट्रंप ने कहा कि ‘मैं बस यही चाहता हूं कि लोग सुरक्षित रहें।’
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का यह कहना गलत है कि अमेरिका युद्ध विराम पर काम कर रहा है। ट्रंप ने कहा, ‘हम युद्धविराम से बेहतर की उम्मीद कर रहे हैं। हम युद्ध विराम की उम्मीद नहीं कर रहे हैं।’ ट्रंप ने कहा कि वह कूटनीतिक विकल्प से इनकार नहीं कर रहे हैं, और वह उपराष्ट्रपति जे डी वेंस और विशेष दूत स्टीव विटकॉफ को ईरानियों से मिलने के लिए भेज सकते हैं।
उधर, इस्राइल का कहना है कि उसके हमले ने ईरान की हवाई सुरक्षा को तहस-नहस कर दिया है और अब वे देश भर में कहीं भी हमला कर सकते हैं। इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का कहना है कि इजराइल की बमबारी तब तक जारी रहेगी जब तक ईरान का परमाणु कार्यक्रम और बैलिस्टिक मिसाइलें नष्ट नहीं हो जातीं।
भारतीय छात्रों को तेहरान से निकाला गया,110 सीमा पार आर्मेनिया पहुंचे
नयी दिल्ली (एजेंसी) : विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि इस्राइल और ईरान के मध्य बढ़ते तनाव के बीच तेहरान में मौजूद भारतीय छात्रों को सुरक्षा कारणों से बाहर निकाल लिया गया है और उनमें से 110 लोग सीमा पार कर आर्मेनिया में प्रवेश कर गए हैं। इसकी पूरी व्यवस्था दूतावास ने की। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारतीय दूतावास सभी संभव सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से समुदाय के साथ निरंतर संपर्क में है। बयान में कहा गया है कि परिवहन के हिसाब से जो लोग स्वयं इंतजाम कर सकते हैं उन्हें भी हालात को देखते हुए शहर से बाहर चले जाने की सलाह दी गई है। एक अन्य बयान में विदेश मंत्रालय ने कहा कि ईरान और इस्राइल में जारी घटनाक्रम के मद्देनजर मंत्रालय में सातों दिन 24 घंटे संचालित होने वाला नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। नियंत्रण कक्ष में इन नंबर पर संपर्क करें : +989010144557; +989128109115; +989128109109’’। इसके अतिरिक्त ईरान स्थित भारतीय दूतावास ने आपातकालीन हेल्पलाइन स्थापित की है, विदेश मंत्रालय ने संपर्क विवरण भी साझा किया है।