नयी दिल्ली, 23 जुलाई (एजेंसी)
मानसून सत्र के पहले सप्ताह के अाखिरी दिन शुक्रवार को संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के हंगामे के कारण काम नहीं हो सका। लोकसभा एक बार के स्थगन और राज्यसभा 3 बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी। दोनों सदनों में प्रश्नकाल और शून्यकाल भी नहीं हो सका तथा गैर सरकारी कामकाज भी हंगामे की भेंट चढ़ गया। सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव के हाथों से एक बयान की प्रति छीनकर फाड़ने के मामले में तृणमूल कांग्रेस सदस्य शांतनु सेन को राज्यसभा के मौजूदा सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया। सरकार की ओर से इस संबंध में एक प्रस्ताव पेश किया गया था, जो ध्वनि मत से पारित हो गया। सुबह संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने सेन के निलंबन के संबंध में एक प्रस्ताव पेश किया। सेन ने बृहस्पतिवार को सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव के हाथों से एक बयान की प्रति छीन उसके टुकड़े हवा में लहरा दिए थे। ध्वनि मत से इस प्रस्ताव के पारित होने के बाद सभापति ने सेन को सदन से बाहर जाने को कहा। तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने इस पर आपत्ति जताई। इसके बाद तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। जिसके चलते सदन को 3 बार स्थगित करने के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
उधर, पेगासस जासूसी मामला, नये कृषि कानूनों सहित विभिन्न मुद्दों पर कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी सदस्यों के भारी हंगामे के कारण शुक्रवार को लोकसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद करीब सवा 12 बजे दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
एक हफ्ते में सिर्फ 4 घंटे काम
मानसून सत्र के पहले सप्ताह दोनों सदनों की कार्यवाही के हंगामे की भेंट चढ़ गयी। पूरे सप्ताह के दौरान सिर्फ मंगलवार को उच्च सदन में उस समय 4 घंटे सामान्य ढंग से कामकाज हो पाया, जब कोविड-19 के कारण देश में उपजे हालात को लेकर, सभी दलों के बीच आपस में बनी सहमति के आधार पर चर्चा की गयी।
विपक्षी दलों ने संसद परिसर में किया प्रदर्शन
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सांसदों ने राहुल गांधी समेत कई प्रमुख लोगों की कथित तौर पर जासूसी करने के मामले की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में न्यायिक जांच की मांग करते हुए शुक्रवार को संसद परिसर में प्रदर्शन किया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी और कई अन्य सांसद इस मौके पर मौजूद रहे।
राहुल जांच के लिए दें अपना फोन : भाजपा
भाजपा ने शुक्रवार को कहा कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को यदि लगता है कि उनका फोन टैप किया गया है तो उन्हें इसे (फोन) जांच एजेंसी को सौंप देना चाहिए, जिससे जांच की जा सके। भाजपा प्रवक्ता राज्यवर्धन सिंह राठौर ने पत्रकारों से बातचीत में दावा किया कि केंद्र सरकार ने अवैध तरीके से किसी का फोन टैप नहीं किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसी न किसी बहाने संसद की कार्यवाही को बाधित करना चाहती है।