नयी दिल्ली, 12 जनवरी (एजेंसी)
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार और सीबीएसई से कहा कि उस जनहित याचिका को अभिवेदन के तौर पर मानें जिसमें कोरोना को देखते हुए दसवीं एवं 12वीं कक्षाओं की परीक्षाएं परीक्षा केंद्रों पर जाकर देने की व्यवस्था को खत्म करने की मांग की गई है।
चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस ज्योति सिंह की पीठ ने कहा कि वह यहां के एक निजी स्कूल के अभिभावकों के संगठन की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई नहीं करने जा रही। इस तरह का अभिवेदन केंद्र और सीबीएसई को दिया जाए या वापस लिया जाए अन्यथा वह इसे खारिज कर जुर्माना लगाएगी। इस पर संगठन के वकील ने कहा कि याचिका को अभिवेदन के तौर पर माना जाए। याचिका में यह भी मांग की गई थी कि 12वीं कक्षा की बोर्ड की परीक्षा ऑनलाइन ली जाए या खुली किताब विधि से ली जाए।