नयी दिल्ली, 31 अगस्त (एजेंसी)
भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि कोरोना के कारण जान गंवाने वाले सभी चिकित्सकों को सैन्य बलों के शहीदों के समतुल्य माना जाए और उन पर आश्रित परिजनों को योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरियां दी जाएं।
देश में चिकित्सकों के सबसे बड़े संगठन ने पत्र में कहा कि वैश्विक महामारी से लड़ाई के दौरान जान गंवाने वाले सभी चिकित्सकों के परिवारों के लिए ‘समावेशी राष्ट्रीय क्षतिपूर्ति’ ही उनके बलिदान के प्रति न्याय कर सकेगी। आईएमए ने सरकारी डेटा के हवाले से कहा कि 87,000 स्वास्थ्यकर्मी कोरोना से पीड़ित हुए तथा उनमें से 573 की मौत हो गई। हालांकि केंद्र ने आधिकारिक आंकड़े जारी नहीं किए हैं।
आईएमए ने कहा कि इन आंकड़ों ने देश भर में चिंता बढ़ा दी है। कुल 2,006 चिकित्सक संक्रमित हुए और उनमें से 307 की मौत हो गई। इनमें से 188 चिकित्सक जनरल प्रैक्टिशनर थे जो सबसे पहले लोगों के संपर्क में आते हैं। आईएमए ने कहा, ‘इस महामारी से लड़ाई में जिन चिकित्सकों ने जान बलिदान की है उन्हें भारतीय सैन्य बलों के समतुल्य मानते हुए उचित सम्मान दिया जाए। उनके जीवनसाथी अथवा उन पर निर्भर परिजनों को योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरी दी जाए।’