नयी दिल्ली, 21 मई (एजेंसी)
सरकार ने कोविड- 19 के मुद्दे को लेकर केंद्र पर निशाना साधने के लिए कांग्रेस के कथित टूलकिट के साथ ‘तोड़-मरोड़ कर पेश किए गए मीडिया की श्रेणी’ टैग चलाने पर ट्विटर से आपत्ति जताई है। सूत्रों ने बताया कि सरकार ने ट्विटर से कहा कि वह ‘तोड़-मरोड़ कर पेश किए गए मीडिया की श्रेणी’ टैग को हटाए क्योंकि मामला कानून प्रवर्तन एजेंसियों के समक्ष लंबित है। सूत्रों के मुताबिक सरकार ने स्पष्ट तौर पर कहा कि सोशल मीडिया मंच निर्णय नहीं दे सकता वह भी तब जब मामले की जांच जारी हो। सरकार ने ट्विटर से जांच प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं करने को कहा। साथ ही सरकार ने कंपनी से कहा कि सत्यता का पता जांच से चलेगा न कि माइक्रो ब्लॉगिंग साइट के माध्यम से।
सूत्रों के मुताबिक इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कड़े शब्दों में ट्विटर की वैश्विक टीम को पत्र लिखा है और कुछ राजनेताओं के ट्वीट के साथ ‘तोड़-मरोड़ कर पेश किए गए मीडिया की श्रेणी’ टैग पर आपत्ति दर्ज कराई है। ये ट्वीट कथित रूप से कोविड-19 महामारी के खिलाफ सरकार की कोशिशों को कमतर दिखाने, पटरी से उतारने और बदनाम करने के लिए बनाए टूलकिट के संदर्भ में किए गए थे।
‘नकली दस्तावेज बनाने वाली’ भाजपा की पोल खुली : कांग्रेस
कांग्रेस ने ‘टूलकिट’ मामले में भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा के ट्वीट को ट्विटर द्वारा ‘तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया’ करार दिए जाने के बाद भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि वेबसाइट के इस कदम से ‘नकली दस्तावेज बनाने वाली’ सत्तारूढ़ पार्टी की पोल खुल गई। पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने यह दावा भी किया कि भाजपा ‘नकली दस्तावेज’ तैयार करके विपक्ष को बदनाम करने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस ‘नकली छवि’ को बचाने की कोशिश कर रही है जिसे अरबों रुपये खर्च करके बनाया गया है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा,‘संकट की इस घड़ी में आज पूरा देश पूछ रहा है कि सरकार कहां हैं? सरकार क्या कर रही है?