Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

Thug Life Dispute : सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख, कहा - किसी की भावनाएं आहत होने के कारण फिल्म या स्टैंड अप कॉमेडी पर रोक नहीं लगाई जा सकती

Thug Life Dispute : सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख, कहा - किसी की भावनाएं आहत होने के कारण फिल्म या स्टैंड अप कॉमेडी पर रोक नहीं लगाई जा सकती
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

नयी दिल्ली, 19 जून (भाषा)

Thug Life Dispute : सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को कर्नाटक सरकार को कमल हासन अभिनीत फिल्म 'ठग लाइफ' के राज्य में प्रदर्शन में बाधा डालने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया और कहा कि किसी फिल्म, ‘स्टैंड-अप कॉमेडी' या कविता पाठ को सिर्फ इसलिए नहीं रोका जा सकता कि इससे किसी की भावनाएं आहत हुई हैं।

Advertisement

न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ ने कहा, "भारत में भावनाएं आहत होने का कोई अंत नहीं है। यदि कोई स्टैंड-अप कॉमेडियन कुछ कहता है, तो भावनाएं आहत हो जाती हैं और तोड़फोड़ व विरोध प्रदर्शन होते हैं। हम कहां जा रहे हैं? क्या इसका मतलब यह है कि विरोध के कारण फिल्म रोक दी जानी चाहिए या स्टैंड-अप कॉमेडी रोक दी जानी चाहिए या कविता पाठ बंद कर दिया जाना चाहिए?" इसके बाद शीर्ष अदालत ने कर्नाटक सरकार का यह आश्वासन स्वीकार किया कि वह फिल्म प्रदर्शित करने वाले सिनेमाघरों को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराएगी।

पीठ ने कहा, "राज्य ने हलफनामा दायर कर फिल्म के प्रदर्शन का रास्ता साफ कर दिया है...हमें लगता है कि इस मामले को बंद करना न्याय के हित में होगा। हम दिशा-निर्देश जारी करना या जुर्माना लगाना उचित नहीं मानते। हालांकि, हम कर्नाटक राज्य को निर्देश देते हैं कि यदि कोई व्यक्ति या समूह फिल्म के प्रदर्शन में बाधा उत्पन्न करता है या जबरदस्ती या हिंसा करता है, तो राज्य को क्षतिपूर्ति समेत आपराधिक और नागरिक कानून के तहत तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।" शीर्ष अदालत ने कर्नाटक फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स (केएफसीसी) से भी इस बारे में सवाल किया कि उसने दिग्गज अभिनेता कमल हासन से उनकी इस टिप्पणी के लिए माफी मांगने को कहा था कि कन्नड़ का जन्म तमिल से हुआ है।

पीठ ने पूछा, "हम ऐसा होने की अनुमति नहीं दे सकते। सिर्फ एक राय के कारण क्या एक फिल्म रोक दी जानी चाहिए? एक स्टैंड-अप कॉमेडी रोक दी जानी चाहिए? एक कविता का पाठ रोक दिया जाना चाहिए?" हालांकि, केएफसीसी के वकील ने कहा कि उन्होंने कोई धमकी नहीं दी, बल्कि केवल एक पत्र जारी किया कि राज्य में व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहा है और कृपया माफी मांगने पर विचार करें। केएफसीसी के वकील ने कहा कि भीड़ उनके दफ्तर में घुस आई थी और उसके बाद उन्होंने एक पत्र जारी किया था। न्यायमूर्ति भुइयां ने पूछा कि क्या केएफसीसी ने इस संबंध में पुलिस से कोई शिकायत की है।

उन्होंने कहा, "आप वास्तव में भीड़ के दबाव में आ गए। क्या आप पुलिस के पास गए? नहीं। इसका मतलब है कि आपको उनके खिलाफ कोई शिकायत नहीं है। आप बस बच रहे हैं।” केएफसीसी के वकील ने कहा कि वे अदालत द्वारा पारित किसी भी आदेश का पालन करेंगे। फिल्म के निर्माताओं में से एक, कमल हासन की राजकमल फिल्म इंटरनेशनल लिमिटेड की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि हालांकि अब तक (कमाई में) 30 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है, लेकिन अगर राज्य फिल्म की स्क्रीनिंग के लिए सुरक्षा प्रदान करने के लिए सहमत हो जाता है, तो उन्हें कोई समस्या नहीं है।

शीर्ष अदालत एम महेश रेड्डी द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें 'ठग लाइफ' की स्क्रीनिंग की अनुमति देने का निर्देश देने की मांग की गई थी। हासन की टिप्पणियों के बाद कर्नाटक में फिल्म रिलीज करने की अनुमति नहीं दी गई थी। शीर्ष अदालत ने अभिनेता की फिल्म राज्य के सिनेमाघरों में प्रदर्शित नहीं किए जाने पर 17 जून को कर्नाटक सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा था कि भीड़ को सड़कों पर डेरा जमाने की अनुमति नहीं दी जा सकती।

Advertisement
×