पुरी में भगदड़ में तीन की मौत, 50 अन्य घायल
पुरी, 29 जून (एजेंसी)
ओडिशा के पुरी में श्री गुंडिचा मंदिर के निकट रविवार को मची भगदड़ में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गयी और करीब 50 अन्य घायल हो गए। पुरी के जिलाधिकारी सिद्धार्थ एस. स्वैन ने बताया कि यह घटना तड़के करीब चार बजे हुई, जब सैकड़ों श्रद्धालु रथयात्रा उत्सव देखने के लिए मंदिर के पास एकत्रित हुए थे। जिस अस्पताल में घायलों का उपचार हो रहा है, वहां के एक अधिकारी ने बताया, ‘50 घायलों में से छह लोग अब भी होश में नहीं आए हैं और उनकी हालत बहुत गंभीर है।'
अधिकारियों ने बताया कि अनुष्ठान के लिए सामग्री ले जा रहे दो ट्रकों के भगवान जगन्नाथ और उनके भाई भगवान बलभद्र एवं देवी सुभद्रा के रथों के पास भीड़भाड़ वाले स्थान पर घुसने के बाद अफरा-तफरी मच गयी। बड़ी संख्या में श्रद्धालु देवताओं की एक झलक पाने के लिए तड़के से ही मंदिर के बाहर एकत्र हो गए थे, क्योंकि अनुष्ठान के तहत भगवान के चेहरों पर से पाहुड़ा (कपड़ा) हटाया जाना था।
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर पोस्ट कर कहा, ‘भगदड़ की घटना के लिए मैं और मेरी सरकार सभी जगन्नाथ भक्तों से क्षमा मांगते हैं।'
इस बीच, ओडिशा विधानसभा में विपक्ष के नेता और बीजू जनता दल (बीजद) प्रमुख नवीन पटनायक ने दावा किया कि भगदड़ ने श्रद्धालुओं के लिए शांतिपूर्ण रथ यात्रा सुनिश्चित करने में राज्य सरकार की स्पष्ट अक्षमता को उजागर किया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार को कहा कि वह भगदड़ की घटना से बहुत दुखी हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि 'लापरवाही व कुप्रबंधन' के कारण यह घटना हुई, जो माफी के लायक नहीं है।
जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक का तबादला, दो पुलिस अधिकारी निलंबित
ओडिशा के पुरी मंदिर में रविवार को भगदड़ मचने से तीन लोगों की मौत और करीब 50 लोगों के घायल हो जाने के बाद मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने जिलाधिकारी सिद्धार्थ शंकर स्वैन और पुलिस अधीक्षक विनीत अग्रवाल के तबादले का आदेश दिया। एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया कि भगदड़ के लिए जिम्मेदार ‘लापरवाही' को ‘अक्षम्य' बताते हुए माझी ने दो पुलिस अधिकारियों – पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) बिष्णु पति और कमांडेंट अजय पाधी के निलंबन की भी घोषणा की।