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तख्तों के तीन शहर पवित्र नगरी घोषित

पंजाब विधानसभा ने सोमवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर तख्तों के तीनों श्ाहर- अमृतसर के प्राचीन दीवारबंदी वाले क्षेत्र, बठिंडा के तलवंडी साबो और रूपनगर जिले के श्री आनंदपुर साहिब को पवित्र नगरी घोषित कर दिया। इसके तहत...

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पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान सोमवार को श्री आनंदपुर साहिब में विशेष विधानसभा सत्र को संबोधित करते हुए। -प्रदीप तिवारी
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पंजाब विधानसभा ने सोमवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर तख्तों के तीनों श्ाहर- अमृतसर के प्राचीन दीवारबंदी वाले क्षेत्र, बठिंडा के तलवंडी साबो और रूपनगर जिले के श्री आनंदपुर साहिब को पवित्र नगरी घोषित कर दिया। इसके तहत इन तीनों शहरों में मांस, शराब, तंबाकू और सभी प्रकार के नशे की बिक्री व सेवन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। अकाल तख्त, तख्त श्री केशगढ़ साहिब अौर तख्त श्री दमदमा साहिब इन्हीं शहरों में स्थित हैं।

श्री गुरु तेग बहादुर के 350वें शहीदी दिवस के मौके पर आनंदपुर साहिब में भाई जैता जी स्मारक पर आयोजित विधानसभा के विशेष सत्र में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस संबंध में प्रस्ताव पेश किया। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल भी इस मौके पर

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मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने बताया कि पवित्र नगरी घोषित किए गए इन शहरों के समग्र विकास के लिए विशेष बजट का प्रावधान किया जाएगा। साथ ही केंद्र सरकार से भी सहयोग की मांग की जाएगी। प्रत्येक शहर में स्वच्छता, सुरक्षा, ढांचागत विकास और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग परियोजनाएं चलाई जाएंगी। इसके लिए सभी धर्मों के प्रतिनिधियों को शामिल करते हुए एक अंतरधार्मिक समिति भी बनाई जाएगी।

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इस अवसर पर नेताओं ने गुरु साहिबानों के महान योगदान का जिक्र करते हुए कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी की शहादत मानवाधिकारों की रक्षा के लिए दी गई सर्वोच्च कुर्बानी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस को समर्पित कार्यक्रम राज्यभर में जारी रहेंगे और आने वाले वर्षों में भी इन्हें जारी रखा जाएगा।

गुरु साहिब के संदेश की आज सबसे अधिक जरूरत : अरोड़ा

पंजाब के कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने विधानसभा के विशेष सत्र में नौवें गुरु साहिब के सर्वोच्च बलिदान को राष्ट्र की एकता का आधार बताते हुए कहा कि आज उनके संदेश की देश को सबसे अधिक जरूरत है। उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर साहिब का बलिदान विश्व इतिहास में अद्वितीय है, जब किसी महान आत्मा ने दूसरे धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। गुरु साहिब का संदेश आज भी इंसानियत, धार्मिक स्वतंत्रता और भाईचारे के मार्ग को प्रकाशित करता है। वह ‘हिंद दी चादर’ थे, जिन्होंने पूरे हिंदुस्तान को एक सूत्र में बांधा। उन्होंने कहा कि गुरु साहिब के प्रिय सिख भाई मति दास, भाई सती दास और भाई दयाला जी के अदम्य साहस का स्मरण हमें बताता है कि अत्याचार और भय के सामने भी आस्था और मानवता की रक्षा सर्वोपरि है।

पंजाब को योजनाबद्ध ढंग से बनाया जा रहा निशाना : चीमा

वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने सत्र में श्री गुरु तेग बहादुर जी को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने गुरु साहिब की शहादत को मानव इतिहास की अनुपम मिसाल बताया। चीमा ने ‘रंगरेटा गुरु का बेटा’ भाई जैता जी की विरासत को भी नमन किया। उन्होंने कहा कि गुरु अर्जन देव जी से लेकर गुरु तेग बहादुर जी, गुरु गोबिंद सिंह जी, माता गुजरी जी और चारों साहिबजादों तक, सिख इतिहास में बलिदान की महान परंपरा विश्व में अद्वितीय है। उन्होंने जातीय और धार्मिक आधार पर भेदभाव को खतरनाक प्रवृत्ति बताया। चीमा ने पंजाब से जुड़े मुद्दों को भी उठाया। उन्होंने कहा कि कृषि, शिक्षा व्यवस्था से लेकर नदियों के पानी तक, पंजाब को योजनाबद्ध ढंग से निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने राजधानी चंडीगढ़ पर पंजाब के हक के संबंध में सामने आ रही नयी चुनौतियों का भी उल्लेख किया और कहा कि राज्य के तीन करोड़ लोग गुरु साहिबान की शिक्षाओं के अनुसार अपने अधिकारों की रक्षा के लिए कटिबद्ध हैं।

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