मप्र और बंगाल में SIR के काम में लगे तीन BLO की मौत, परिवार बोले- दवाब व कार्रवाई था डर
SIR BLO Death: मध्यप्रदेश और पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के दौरान बूथ स्तरीय अधिकारियों (BLO) की मौत और लापता होने की घटनाएं सामने आई हैं। मप्र के रायसेन व दमोह ज़िलों में दो बीएलओ की बीमारी के चलते मौत हो गई, जबकि परिजनों ने अत्यधिक काम के दबाव और लक्ष्य पूरा न करने पर कार्रवाई के डर को जिम्मेदार बताया।
रायसेन में एक अन्य बीएलओ नारायण दास सोनी छह दिनों से लापता हैं। उधर, पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में बीएलओ रिंकू तरफदार का शव फंदे से लटका मिला। परिवार ने एसआईआर के दबाव को आत्महत्या की वजह बताया।
मध्यप्रदेश में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के लिए सर्वे करने वाले दो शिक्षक-सह-बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) की शुक्रवार को रायसेन और दमोह ज़िलों में "बीमारी" से मौत हो गई। सूत्रों ने इसकी जानकारी दी।
हालांकि, मृत शिक्षकों के परिजनों और दोस्तों ने ज़्यादा काम और गिनती के लक्ष्य पूरा करने के दबाव को मौत का कारण बताया है। सूत्रों ने बताया कि इसके अलावा, अधिकारियों ने बताया कि रायसेन ज़िले में एक बीएलओ पिछले छह दिनों से लापता है, और उसे ढूंढने की कोशिश जारी है।
उन्होंने बताया कि शुक्रवार देर रात मरने वाले दो बीएलओ की पहचान रमाकांत पांडे और सीताराम गोंड (50) के रूप में हुई है। दोनों वे रायसेन और दमोह ज़िलों में पदस्थ थे। भोजपुर विधानसभा क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी (एसडीओ) और इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर, चंद्रशेखर श्रीवास्तव ने शनिवार को पीटीआई-भाषा को बताया, "सतलापुर इलाके के शिक्षक रमाकांत पांडे मंडीदीप में मतदाता सूची परीक्षण अभियान पर काम कर रहे थे। शुक्रवार देर रात किसी बीमारी की वजह से उनकी मौत हो गई।"
पांडे की मौत की सही वजह के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "हम पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतज़ार कर रहे हैं।" श्रीवास्तव ने कहा कि लापता बीएलओ की पहचान भव्य सिटी में रहने वाले शिक्षक नारायण दास सोनी के तौर पर हुई है। वह बिना किसी को बताए घर से निकले और छह दिनों से लापता हैं।
पुलिस और सोनी के परिवार वाले उनकी तलाश कर रहे हैं। इस बीच, पांडे की पत्नी रेखा और परिवार के दूसरे सदस्यों ने अधिकारियों को बताया कि वह टीलाखेड़ी के प्राथमिक स्कूल में पदस्थ थे और उन्हें मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण में ड्यूटी दी गई थी।
उन्होंने दावा किया कि वह बहुत ज़्यादा काम के बोझ से जूझ रहे थे, जिससे उन्हें हर रात निर्धारित काम पूरा करने के लिए ज़्यादा घंटे काम करना पड़ता था। उन्होंने दावा किया कि पांडे को काम पूरा करने के लिए फ़ोन पर लगातार निर्देश मिलते थे।
रेखा पांडे ने दावा किया कि लक्ष्य पूरे नहीं हुए और पिछली चार रातों से वह सोये नहीं थे। उन्होंने बताया कि उनके पति को निलंबन का डर सता रहा था। उन्होंने कहा, "वह (रमाकांत पांडे) बृहस्पतिवार रात करीब 9.30 बजे एक ऑनलाइन मीटिंग में शामिल हुए और बाथरूम जाने के तुरंत बाद गिर पड़े। उन्हें पहले भोपाल के नोबल हॉस्पिटल ले जाया गया और बाद में एम्स में स्थानांतरित किया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।"
एसडीओ श्रीवास्तव ने कहा कि पांडे के परिवार के सदस्यों को नियमों के अनुसार मदद और अनुकंपा नियुक्ति मिलेगी। जिला शिक्षा अधिकारी एस के नेमा ने शनिवार को पीटीआई-भाषा को बताया कि दमोह जिले में, रंजरा गांव में बीएलओ के तौर पर काम कर रहे एक शिक्षक गोंड बृहस्पतिवार शाम को गिनती के फॉर्म भरते समय बीमार पड़ गए।
अधिकारी ने कहा, "उन्हें दमोह के जिला अस्पताल ले जाया गया और गंभीर हालत में बेहतर उपचार के लिए जबलपुर जिले में रेफर किया गया, जहां शुक्रवार रात उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई।" गोंड के दोस्तों ने दावा किया कि उन्हें रंजरा और कूड़ा कूदन गांवों में गिनती करने वाले की ड्यूटी सौंपी गई थी। उन पर दबाव था क्योंकि उन्हें 1,319 वोटरों को कवर करना था, लेकिन वे सिर्फ़ 13 प्रतिशत काम ही पूरा कर पाए।
इससे पहले, दमोह ज़िले के जबेरा विधानसभा क्षेत्र के तेंदूखेड़ा में एक सड़क हादसे में बीएलओ श्याम सुंदर शर्मा की मौत हो गई थी। उनके परिवार ने आरोप लगाया था कि एसआईआर में काम की वजह से उन पर बहुत ज़्यादा दबाव था और उन्हें निलंबित करने की धमकी दी गई थी।
बंगाल के नदिया में बीएलओ का शव मिला, परिवार ने काम संबंधी तनाव का आरोप लगाया
पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) के रूप में कार्यरत एक महिला शनिवार सुबह अपने घर पर मृत पाई गई। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस के अनुसार, उसके परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया है कि वह मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) संबंधी काम के कारण काफी तनाव में थी और इसी कारण उसने आत्महत्या की।
इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि रिंकू तरफदार नाम की बीएलओ का शव छपरा के कृष्णानगर स्थित बंगालझी इलाके में अपने घर के कमरे में छत से लटका मिला।
अधिकारी ने कहा, ‘‘परिवार का दावा है कि एसआईआर संबंधी काम के बोझ के कारण वह काफी दबाव में थी। हमें उसके कमरे से एक नोट मिला है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। आवश्यक जांच जारी है।''
राज्य के मंत्री उज्ज्वल विश्वास ने मृतक के घर जाकर परिवार के सदस्यों से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार से पश्चिम बंगाल में जारी एसआईआर प्रक्रिया को रोकने का आग्रह किया है।
उन्होंने मुख्य निर्वाचन आयुक्त को बृहस्पतिवार को पत्र लिखकर कहा कि लगातार जारी ‘‘अनियोजित एवं जबरन प्रक्रिया'' से और अधिक लोगों की जान तथा इस प्रक्रिया की वैधता भी खतरे में पड़ जाएगी। जलपाईगुड़ी जिले में बुधवार को एक बूथ-स्तरीय अधिकारी फंदे से लटकी मिली थी और उसके परिवार ने भी आरोप लगाया था कि ‘‘एसआईआर संबंधी काम के असहनीय दबाव'' के कारण उसने आत्महत्या की।
गुजरात में भी की थी बीएलओ ने आत्महत्या, एक को पड़ा था दिल का दौरा
गुजरात के गिर सोमनाथ जिले में शुक्रवार को मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण एसआईआर (एसआईआर) के कार्य में लगे एक स्कूल शिक्षक, जो बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) के रूप में तैनात थे, ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। परिजनों का दावा है कि उन्होंने एक 'सुसाइड नोट' छोड़ा है, जिसमें “मानसिक तनाव और कार्य के दबाव” को आत्महत्या की वजह बताया गया। एक अधिकारी ने बताया कि शिक्षक अरविंद वढेर ने सुबह करीब साढ़े छह बजे कोडीनार तालुका के देवली गांव स्थित अपने घर में फांसी लगा ली।
वहीं, गुजरात के खेड़ा जिले में ‘बीएलओ' के रूप में कार्यरत एक स्कूल शिक्षक की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी। शिक्षक के परिवार ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) से जुड़े "अत्यधिक कार्य के दबाव" को उनकी मृत्यु का कारण बताया था। उनके भाई नरेंद्र परमार ने संवाददाताओं को बताया कि जिले के कपड़वंज तालुका के जम्बूडी गांव निवासी रमेशभाई परमार (50) की बुधवार देर रात अपने घर में सोते समय दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। उन्होंने बताया कि कपड़वंज के नवापुरा गांव के सरकारी स्कूल में शिक्षक रमेशभाई परमार को हाल ही में बीएलओ की ड्यूटी दी गई थी।
