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सोच समझकर महाराष्ट्र सरकार में शामिल हुए हैं, कानूनी लड़ाई के लिए भी तैयार : छगन भुजबल

बोले- हमने शरद पवार को गुरु दक्षिणा दी है, पूरी पार्टी को सत्ता में लाए हैं

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मुंबई में बुधवार को अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी की बैठक के दौरान एनसीपी नेताओं प्रफुल्ल पटेल, छगन भुजबल और अन्य के साथ महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार।
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मुंबई, 5 जुलाई (भाषा)

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अजित पवार खेमे के नेता एवं महाराष्ट्र सरकार में मंत्री छगन भुजबल ने बुधवार को कहा कि उचित विचार-विमर्श के बाद ही उन लोगों ने राज्य में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में शामिल होने का निर्णय लिया। अजित पवार ने रविवार को राकांपा से बगावत कर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उनके साथ भुजबल समेत आठ अन्य राकांपा नेताओं ने भी शिवसेना-भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) की गठबंधन सरकार में मंत्री के तौर पर शपथ ली थी। भुजबल ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘हमने महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने का फैसला काफी सोच-विचार के बाद लिया है। यदि राकांपा प्रमुख शरद पवार का राजनीति में 57-58 साल का लंबा करिअर है, तो मैंने भी उसी क्षेत्र में 56 वर्ष बिताए हैं। हमने ऐसे फैसला नहीं लिया कि एक दिन सुबह उठे और सरकार में शामिल हो गये।' शरद पवार के नेतृत्व वाले राकांपा खेमे द्वारा भारत के निर्वाचन आयोग के समक्ष 'कैविएट' दायर करने के बारे में पूछे जाने पर भुजबल ने कहा कि वे इस कानूनी लड़ाई के लिए भी तैयार हैं। शरद पवार के नेतृत्व वाले राकांपा खेमे ने निर्वाचन आयोग के समक्ष 'कैविएट' दायर कर उससे अनुरोध किया है कि अजित पवार गुट की याचिका पर शरद पवार का पक्ष सुनने से पहले कोई निर्णय न लिया जाए। छगन भुजबल ने कहा, ‘हमने शरद पवार को 'गुरु दक्षिणा' दी है। हमने उनके भतीजे को राज्य का उपमुख्यमंत्री बनाया। हम पूरी पार्टी को सत्ता में लाए हैं।' महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार द्वारा बुधवार को मुंबई में बुलाई गई राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की बैठक में पार्टी के 53 में से कम से कम 35 विधायक शामिल हुए। पार्टी सूत्रों के मुताबिक यह संख्या और बढ़ सकती है। महाराष्ट्र विधानमंडल के पूर्व प्रधान सचिव अनंत कलसे ने कहा कि अजित पवार को अयोग्यता से बचने के लिए कम से कम 36 विधायकों के समर्थन की आवश्यकता है।

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