मदद के लिए मची चीख-पुकार, प्लीज बचा लो!
पहलगाम (एजेंसी) :पहलगाम में बैसरन के घास के मैदानों में आतंकवादी हमले के बाद मदद के लिए चीख-पुकार मच गयी, कई पर्यटक खून से लथपथ पड़े थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पर्यटन से आजीविका कमाने वाले मुट्ठी भर स्थानीय लोग गोलियां चलते ही जान बचाने के लिए भाग गये, जिससे पर्यटक बेबस होकर रह गये। हालांकि, बाद में स्थानीय लोग मदद के लिए आगे आये।
एक महिला ने फोन पर बताया, ‘मेरे पति को सिर में गोली मारी गयी... उन्हें मुसलमान न होने की वजह से गोली मारी गयी। हमले में सात अन्य लोग घायल हुए हैं।’ अपना नाम नहीं बताने वाली महिला ने घायलों को अस्पताल पहुंचाने में मदद की गुहार लगाते हुए कहा, ‘भैया प्लीज मेरे पति को बचा लो।’
अधिकारियों ने बताया कि घास के मैदानों तक केवल पैदल या खच्चरों से ही पहुंचा जा सकता है, इसलिए घायलों को निकालने के लिए हेलीकॉप्टर बुलाना पड़ा। हालांकि, हेलीकॉप्टर के पहुंचने से पहले ही स्थानीय लोगों ने कुछ घायलों को अपने खच्चरों पर लादकर नीचे उतार लिया। स्थानीय पर्यटक गाइडों और खच्चर वालों ने घायल पर्यटकों को अपने कंधों पर उठाकर निकटतम वाहन योग्य स्थान तक पहुंचाने के लिए अन्य लोगों को भी बुलाया।
हमले वाली जगह का एक वीडियो सामने आया, जिसमें कई लोग खून से लथपथ और जमीन पर बेसुध पड़े हुए दिखाई दे रहे हैं, जबकि महिला पर्यटक रोते हुए अपने प्रियजनों की तलाश कर रही हैं। कुछ लोग इतने स्तब्ध थे कि कोई प्रतिक्रिया नहीं दे सके और स्थानीय लोग उनकी मदद कर रहे थे। हमले की खबर फैलते ही पहलगाम की सड़कें और गलियां सुनसान हो गयीं। बड़ी संख्या में आये पर्यटक शहर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर चले गये।
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कब-कब हुआ खून खराबा
2000 : पहलगाम में अमरनाथ बेस कैंप पर आतंकी हमले में 32 लोग मारे गये, 60 घायल हुए।
2001 : शेषनाग में अमरनाथ तीर्थयात्रियों पर हमले में 13 लोग मारे गये, 15 घायल हुए।
2002 : पहलगाम क्षेत्र में हमले में 11 लोग मारे गये।
2017 : अमरनाथ से घर लौट रहे 8 तीर्थयात्री हमले में मारे गये।
2024 : पहलगाम के यन्नार में गोलीबारी में राजस्थान का एक पर्यटक दंपति घायल हो गया था।
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जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘यह हमला हाल के वर्षों में आम लोगों पर हुए किसी भी हमले से कहीं बड़ा है। मैं स्तब्ध हूं। हमारे आगंतुकों पर यह हमला घृणित है। इस हमले के अपराधी जानवर, अमानवीय हैं और घृणा के लायक हैं। इसकी निंदा के लिए कोई भी शब्द पर्याप्त नहीं है। मैं मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।’
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हमला ऐसे समय हुआ है, जब वर्षों तक आतंकवाद से जूझने के बाद कश्मीर में पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि देखी जा रही थी। साथ ही, 38 दिवसीय अमरनाथ तीर्थयात्रा 3 जुलाई से शुरू होनी है। देश भर से लाखों तीर्थयात्री दो मार्गों से पवित्र गुफा मंदिर की यात्रा करते हैं। इनमें, एक मार्ग अनंतनाग जिले में पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबा पहलगाम मार्ग है, जबकि दूसरा मार्ग गंदेरबल जिले में 14 किलोमीटर का छोटा बालटाल मार्ग है, जहां खड़ी चढ़ाई है। बैसरन पहलगाम में एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह उन पर्वतारोहियों के लिए शिविर स्थल भी है, जो तुलियन झील तक जाते हैं।