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6 दिसंबर को था तबाही का प्लान कश्मीर से दिल्ली तक अलर्ट

दिल्ली विस्फोट 40 नमूने एकत्र । डॉ. मुजम्मिल ने कई बार की थी लाल किला क्षेत्र की रेकी, तुर्किए में जाकर मिला था आकाओं से

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कुलगाम में जमात ए इस्लामी के परिसर पहुंचे सुरक्षा अधिकारी। -प्रेट्र
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राष्ट्रीय राजधानी में लाल किले के पास हुए विस्फोट में शामिल कार को चला रहा डॉ. उमर नबी का इरादा छह दिसंबर को बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी पर विस्फोट कर तबाही मचाने का था। सूत्रों के अनुसार, फरीदाबाद के सेक्टर 37 स्थित रॉयल कार प्लाजा के मालिक अमित को फरीदाबाद पुलिस की सहायता से सोमवार देर रात हिरासत में लिया गया। उन्होंने कथित तौर पर हुंडई आई20 की बिक्री में मदद की थी।

अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि फरीदाबाद स्थित अंतर्राज्यीय जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) आतंकी मॉड्यूल से कथित संबंध रखने के आरोप में गिरफ्तार किये गए आठ लोगों से पूछताछ तथा उनके परिवार, दोस्तों और पड़ोसियों से बातचीत के आधार पर इस षड‍्यंत्र के विवरण के बारे में पता चला। दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के डॉ. उमर नबी (28) के कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में फैले आतंकवादी नेटवर्क का प्रमुख सदस्य होने की बात सामने आई है। वह 10 नवंबर को लाल किला के पास हुए विस्फोट में मारा गया, जिसमें 12 लोगों की जान चली गई।

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अधिकारियों ने दावा किया कि गनई के साथ 2021 में तुर्किये की यात्रा ने उसके अंदर नाटकीय बदलाव और कट्टरपंथ की भावना पैदा की। माना जा रहा है कि इस यात्रा के दौरान दोनों की मुलाकात प्रतिबंधित जैश-ए-मोहम्मद के सक्रिय कार्यकर्ताओं से हुई। यात्रा के बाद, बदले हुए डॉ. उमर ने गनई के साथ मिलकर अमोनियम नाइट्रेट, पोटेशियम नाइट्रेट और सल्फर सहित विस्फोटक कथित तौर पर इकट्ठा करना शुरू कर दिया। अधिकारियों के अनुसार, डॉ. उमर नबी 10 नवंबर को उस समय घबरा गया होगा, जब फरीदाबाद के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने टेलीविजन पर घोषणा की कि वहां 2,900 किलोग्राम विस्फोटक बरामद करके एक आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया गया है।

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अधिकारियों ने बताया कि नबी ने चारदीवारी वाली एक मस्जिद में पनाह ली, जहां वह सोमवार शाम तीन घंटे रुका और फिर गाड़ी चलाते हुए निकल गया जिसमें समय से पहले ही विस्फोट हो गया। उन्होंने बताया कि वीबीआईईडी भी अधूरा था, क्योंकि छर्रे जोड़े जाने बाकी थे।

गिरफ्तार किये गए आठ लोगों में से सात कश्मीर से हैं। इनमें श्रीनगर के नौगाम से आरिफ निसार डार उर्फ ​​साहिल, यासिर-उल-अशरफ और मकसूद अहमद डार उर्फ ​​शाहिद, शोपियां से मौलवी इरफान अहमद, गांदरबल के वाकुरा इलाके से ज़मीर अहमद अहंगर उर्फ ​​मुतलाशा, पुलवामा के कोइल इलाके से डॉ. मुज़म्मिल अहमद गनई उर्फ ​​मुसैब और कुलगाम के वानपोरा इलाके से डॉ. अदील शामिल हैं। वहीं, डॉ. शाहीन सईद लखनऊ से है। इस बीच, फॉरेंसिक दल ने विस्फोट स्थल से करीब 40 नमूने एकत्रित किए, जिनमें दो कारतूस, गोला-बारूद तथा दो अलग-अलग प्रकार के विस्फोटकों के नमूने शामिल हैं। उधर, कश्मीर में लोगों, खासतौर से व्यापारियों से सतर्क रहने को कहा गया है। अधिकारियों ने बताया कि माता वैष्णो देवी मंदिर और रियासी जिले के कटरा स्थित आधार शिविर में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

पीड़ितों से मिले पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घायल लोगों से बुधवार को एलएनजेपी अस्पताल में मुलाकात की और कहा अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘दिल्ली में बम विस्फोट में घायल हुए लोगों से मिलने एलएनजेपी अस्पताल गया। सभी के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।’ अधिकारियों ने बताया कि भूटान से वापस आने के बाद प्रधानमंत्री मोदी सीधे एलएनजेपी अस्पताल गये। फोटो-एएनआई

कश्मीर में जमात-ए-इस्लामी से जुड़े 300 ठिकानों पर छापे

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) से संबद्ध लोगों से जुड़े 300 ठिकानों पर छापेमारी की। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शोपियां, कुलगाम, पुलवामा, बारामूला और गंदेरबल जिलों में कई स्थानों पर छापे मारे गये। उन्होंने बताया कि पिछले चार दिनों के दौरान जिले के विभिन्न क्षेत्रों में ‘ओवरग्राउंड वर्कर्स’ (ओजीडब्ल्यू), पाकिस्तान से जम्मू-कश्मीर में सक्रिय ‘जम्मू-कश्मीर नेशनल्स ऑपरेटिंग’ (जेकेएनओपी), सक्रिय/मारे गए आतंकवादियों के ठिकानों पर 400 से अधिक ‘घेरेबंदी एवं तलाशी अभियान’ (सीएएसओ) चलाए गए हैं। कश्मीर के संदर्भ में ओजीडब्ल्यू का मतलब उन व्यक्तियों से है जो आतंकवादियों को साजो-सामान उपलब्ध कराते हैं एवं उन्हें गुप्त गतिविधियां चलाने में मदद करते हैं।

शाहीन के भाई को यकीन नहीं, पूर्व पति का दावा- कभी बुर्का नहीं पहना

गिरफ्तार डॉ. शाहीन शाहिद के बड़े भाई मोहम्मद शोएब ने कहा कि उनका परिवार अब भी यह मानने को संघर्ष कर रहा है कि वह किसी गैरकानूनी गतिविधि में शामिल हो सकती है। दूसरी ओर, आरोपी के पूर्व पति ने डॉ. ज़फ़र हयात ने याद किया कि उसने अपने विवाहित जीवन में कभी बुर्का नहीं पहना और अपने बच्चों के लिए एक प्यारी और देखभाल करने वाली मां थीं, और बेहतर जीवन की चाहत में वह ऑस्ट्रेलिया जाना चाहती थी। जफर ने कहा, ‘हमारा तलाक 2012 के अंत में हुआ था। मुझे नहीं पता कि उसके दिमाग में क्या चल रहा था जिसके कारण यह हुआ। तलाक के बाद से उनके बीच कोई संपर्क नहीं रहा।’

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