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जरूरतमंदों की सेवा करने से बड़ा कोई अहसास नहीं : जस्टिस चंद्रचूड़

नयी दिल्ली, 8 नवंबर (एजेंसी) चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने भारतीय न्यायपालिका के 50वें प्रमुख के रूप में शुक्रवार को अपने अंतिम कार्य दिवस पर कहा कि जरूरतमंदों और उन लोगों की सेवा करने से बड़ा कोई अहसास नहीं है,...
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सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा शुक्रवार को आयोजित विदाई समारोह में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ (दाएं) और मनोनीत सीजेआई संजीव खन्ना। -प्रेट्र
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नयी दिल्ली, 8 नवंबर (एजेंसी)

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने भारतीय न्यायपालिका के 50वें प्रमुख के रूप में शुक्रवार को अपने अंतिम कार्य दिवस पर कहा कि जरूरतमंदों और उन लोगों की सेवा करने से बड़ा कोई अहसास नहीं है, जिनसे आप कभी नहीं मिल पाएंगे, जिन्हें आप संभवतः जानते भी नहीं हैं। चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने चार न्यायाधीशों की रस्मी पीठ की अध्यक्षता की। उन्हें विदाई देने के लिए बैठी इस पीठ में मनोनीत चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल थे। चीफ जस्टिस ने न केवल अपने कार्य, बल्कि देश की सेवा करने का मौका मिलने के लिए भी संतुष्टि व्यक्त की। उन्होंने कहा, ‘आपने मुझसे पूछा कि मुझे कौन सी बात आगे बढ़ाती है। यह अदालत ही है जिसने मुझे आगे बढ़ाया है, क्योंकि ऐसा एक भी दिन नहीं है जब यह लगा कि कुछ नहीं सीखा है या समाज की सेवा करने का मौका नहीं मिला है।’ उन्होंने अपने सहयोगियों की प्रशंसा की, विशेष रूप से जस्टिस पारदीवाला और जस्टिस मिश्रा के साथ पीठ में बिताए गए समय पर प्रकाश डाला।

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