Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

माफी मांगने के लिए अल्फाज नहीं : उमर

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पहलगाम हमले के खिलाफ प्रस्ताव पारित
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

जम्मू, 28 अप्रैल (एजेंसी)

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करते हुए सोमवार को स्वीकार किया कि वह पर्यटकों के लिए सुरक्षित वापसी मुहैया कराने की अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल रहे। उन्होंने कहा, उन परिवारों से माफी मांगने के लिए मेरे पास अल्फाज नहीं हैं, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वह इस मौके का इस्तेमाल पूर्ण राज्य का दर्जा मांगने के लिए नहीं करेंगे।

Advertisement

यह दोहराते हुए कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा की जिम्मेदारी चुनी हुई सरकार के अधीन नहीं है, उमर ने कहा, ‘मैं आज इस अवसर का इस्तेमाल राज्य का दर्जा मांगने या किसी अन्य राजनीतिक लाभ के लिए नहीं करना चाहता। मेरी राजनीति इतनी सस्ती नहीं है।’

पहलगाम में पिछले सप्ताह बर्बर आतंकवादी हमले में पर्यटकों की हत्या पर दुख एवं पीड़ा व्यक्त करते हुए विधानसभा ने प्रस्ताव पारित किया गया। उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी की तरफ से पेश इस प्रस्ताव में सांप्रदायिक सद्भाव एवं प्रगति को बाधित करने की कोशिश करने वालों के नापाक इरादों को दृढ़ता से हराने का संकल्प लिया गया। प्रस्ताव में कहा गया, ‘यह सदन इस जघन्य और कायरतापूर्ण कृत्य की स्पष्ट रूप से निंदा करता है, जिसके परिणामस्वरूप निर्दोष लोगों की जान गयी। इस तरह के आतंकी कृत्य कश्मीरियत के मूल्यों पर सीधा हमला हैं।’

सदन में चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक... अरुणाचल से गुजरात तक और जम्मू-कश्मीर से केरल तक पूरा देश इस हमले से प्रभावित हुआ है। हमें लगता था कि इस तरह के हमले अतीत की बात हो गए हैं। दुर्भाग्य से, इस हमले ने ऐसी स्थिति को फिर से पैदा कर दिया है, जिसे हम पीछे छोड़ देने की उम्मीद कर रहे थे। हम कभी नहीं जानते कि ऐसा कोई और हमला कब हो सकता है।’

मुख्यमंत्री ने साथ ही कहा कि इस अमानवीय और भयावह हमले के बाद भी कश्मीर से उम्मीद की नयी किरण दिखाई दी है। जनाक्रोश ने उम्मीद की किरण जगाई है कि लोगों की मदद से आतंकवाद का जल्द ही खात्मा हो सकता है।

उन्होंने कहा, ‘कई साल में पहली बार मैंने ऐसे विरोध प्रदर्शन देखे जो वाकई एकजुटता के साथ हुए। किसी राजनीतिक पार्टी या नेता ने उन्हें एकजुट नहीं किया। आक्रोश और दुख सीधे लोगों के दिलों से निकल रहा था। हर मस्जिद में मौन रखा गया।’ उन्होंने कहा कि इस बदलाव को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए और मजबूती प्रदान की जानी चाहिए।

प्रस्ताव के जरिये विधानसभा ने समाज के सभी वर्गों और विशेष रूप से मीडिया से अपील की है कि गैर-जिम्मेदाराना तरीके से भावनाओं को भड़काकर इस भयावह साजिश का शिकार ंन बनें।

राजनाथ ने प्रधानमंत्री को सुरक्षा तैयारियों की दी जानकारी

नयी दिल्ली (ट्रिन्यू) : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पहलगाम आतंकवादी हमले के मद्देनजर सुरक्षा तैयारियों की जानकारी दी। प्रधानमंत्री मोदी के साथ रक्षा मंत्री की लगभग 45 मिनट की बैठक के बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया। इस बीच, सेना ने कहा कि उसने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा शनिवार रात बिना उकसावे के की गयी गोलीबारी का प्रभावी ढंग से जवाब दिया। पिछले चार दिनों में चौथी बार पाकिस्तान ने संघर्ष विराम का उल्लंघन किया। एक अन्य घटनाक्रम में, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे एक संदेश को गलत बताया, जिसमें दावा किया गया था कि सेना की तैयारियों से संबंधित गोपनीय दस्तावेज लीक हो गये हैं।

Advertisement
×