नयी दिल्ली, 5 सितंबर (एजेंसी)
एक सर्वेक्षण में पाया गया है कि देश में करीब 16 करोड़ लोग शराब पीते हैं। सबसे अधिक उपयोग छत्तीसगढ़, त्रिपुरा, पंजाब, गोवा, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों में पाया गया है। वहीं, 3.1 करोड़ लोग भांग, गांजा और चरस का इस्तेमाल करते हैं, जिसमें सबसे अधिक इस्तेमाल सिक्किम, नगालैंड, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश, दिल्ली, मिजोरम और हिमाचल प्रदेश में बताया गया है। वहीं, सूंघकर या कश के जरिये लिए जाने वाले मादक पदार्थ लेने वालों की संख्या 1.18 करोड़ पायी गयी। उत्तेजना पैदा करने वाले मादक पदार्थ लेने वालों की संख्या 2.26 करोड़ बताई गयी है। कोकीन का सबसे अधिक उपयोग महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान और कर्नाटक में पाया गया। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने देश में नशीले पदार्थों के प्रयोग की सीमा और स्वरूप के संबंध में यह राष्ट्रीय सर्वेक्षण नयी दिल्ली स्थित एम्स के माध्यम से कराया है। संसद के मानसून सत्र के दौरान सरकार ने इसकी जानकारी दी। सरकार ने बताया कि 15 अगस्त 2020 को 272 जिलों में नशा मुक्त भारत अभियान शुरू किया गया है। इसके तहत खासतौर पर युवाओं, शैक्षणिक संस्थाओं पर ध्यान दिया जा रहा है।
बढ़ रही है नशे की प्रवृत्ति
फोर्टिस अस्पताल के मानसिक स्वास्थ्य व व्यवहार विज्ञान के निदेशक डॉ. समीर पारिख ने कहा कि नशीले पदार्थ लेने की प्रवृत्ति लगातार बढ़ रही है। यह खासतौर पर किशोरों के शारीरिक, मानसिक व भावनात्मक विकास पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। नशे की लत के चलते किशोर आक्रामक हो रहे हैं। पारिख ने कहा कि कई लोग दर्दनाक घटनाआें व मानसिक तनाव के चलते भी नशे का सहारा लेने लगते हैं। उन्होंने कहा कि लोगों के स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की जरूरत है।
‘100 शीर्ष ड्रग सरगनाओं पर कार्रवाई शुरू’
सरकार ने मादक पदार्थों की तस्करी पर लगाम लगाने के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत देश में 100 शीर्ष ड्रग माफिया सरगनाओं की पहचान की है और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की है। संसद के मानसून सत्र के दौरान एक प्रश्न के लिखित उत्तर में रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने यह जानकारी दी थी। उन्होंने बताया कि एनसीबी ने दिसंबर 2019 से पहचान प्रक्रिया शुरू करने के बाद 25 प्रस्तावों पर काम शुरू कर दिया है। इनमें से 21 प्रस्तावों पर राजस्व विभाग ने निवारक आदेश जारी कर दिया है।