नयी दिल्ली ,19 अप्रैल (एजेंसी)
विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना के लक्षण वाले रोगियों की आरटी-पीसीआर रिपोर्ट में संक्रमण की पुष्टि नहीं होने पर उनका सीटी स्कैन या छाती का एक्सरे कराना चाहिए और 24 घंटे बाद दोबारा जांच करानी चाहिए। कोरोना की आरटी-पीसीआर जांच में 80 फीसदी मामलों में सही परिणाम आता है, लेकिन 20 फीसदी मामलों में हो सकता है कि नतीजे सही ना मिलें। एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा, ‘यदि नमूना ठीक से नहीं लिया गया है या जांच समय पूर्व कर ली गई, तो रिपोर्ट में संक्रमण की पुष्टि नहीं होगी। इसलिए यदि किसी व्यक्ति में संक्रमण के लक्षण हैं तो प्रयोगशाला की रिपोर्ट, सीटी/चेस्ट एक्स-रे के मुताबिक उपचार शुरू किया जाना चाहिए। 24 घंटे बाद फिर से जांच करानी चाहिए।’ एक अन्य वरिष्ठ चिकित्सक ने कहा कि केवल आरटी-पीसीआर जांच के परिणाम पर निर्भर रहने के बजाय लक्षण और सीटी स्कैन की रिपोर्ट के आधार पर उपचार होना चाहिए।