Tribune
PT
Subscribe To Print Edition About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

गुरुओं की परंपरा देश की संस्कृति का आधार : मोदी

प्रधानमंत्री ने अयोध्या में ध्वज फहराया, कुरुक्षेत्र में पांचजन्य स्मारक का लोकार्पण और गुरु तेग बहादुर जी को किया नमन

  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुरुक्षेत्र में मंगलवार को गुरु तेग बहादुर के शहीदी दिवस पर आयोजित प्रदर्शनी को अवलोकन करते हुए। (इनसेट) प्रधानमंत्री, हरियाणा के राज्यपाल असीम कुमार घोष और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी 'पंचजन्य' के उद्घाटन समारोह के दौरान। -एजेंसी
Advertisement

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कुरुक्षेत्र की अपनी यात्रा को भारत की विरासत का एक अद्भुत संगम बताया। उन्होंने दिन में रामायण की नगरी अयोध्या में धर्म ध्वजा फहराई, शाम को यहां गीता की धरती कुरुक्षेत्र पर पांचजन्य स्मारक का लोकार्पण किया और श्री गुरु तेग बहादुर जी को नमन किया।

हिंद दी चादर श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस पर हरियाणा सरकार द्वारा कुरुक्षेत्र के ज्योतिसर में आयोजित महासमागम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे गुरुओं की परंपरा, हमारे राष्ट्र के चरित्र, हमारी संस्कृति और हमारी मूल भावना का आधार है। गुरु साहिब ने ही हमें सिखाया कि न किसी को डराएं और न किसी से डरकर जीएं। यही निर्भयता समाज और देश को मजबूत बनाती है। आज भारत इसी सिद्धांत पर चलता है। हम शांति चाहते हैं, लेकिन अपनी सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करते। ऑपरेशन सिंदूर इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। प्रधानमंत्री ने कहा कि नौ नवंबर 2019 को जब राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया, तो वह करतारपुर गलियारे के उद्घाटन के लिए पंजाब के डेरा बाबा नानक गए थे। उन्होंने कहा, ‘मैं प्रार्थना कर रहा था कि राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो, करोड़ों राम भक्तों की आकांक्षा पूरी हो और हम सभी की प्रार्थना पूरी हुई, उसी दिन राम मंदिर के पक्ष में निर्णय आया। अब आज अयोध्या में जब धर्म ध्वजा की स्थापना हुई है, तो फिर मुझे सिख संगत से आशीर्वाद लेने का मौका मिला है।’

Advertisement

प्रधानमंत्री ने गीता स्थली ज्योतिसर में महाभारत अनुभव केंद्र का दौरा भी किया। उन्होंने कुरुक्षेत्र में चल रहे अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर मंत्रोच्चारण के बीच महाआरती भी की। इससे पहले उन्होंने श्री गुरु तेग बहादुर जी पर एक स्मृति डाक टिकट और विशेष सिक्का भी जारी किया।

Advertisement

हरियाणा के राज्यपाल असीम घोष, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल, राव इंद्रजीत सिंह, कृष्णपाल गुर्जर और राज्य के कई मंत्री एवं विधायक भी इस मौके पर मौजूद रहे।

कुरुक्षेत्र की पवित्र भूमि सिख परंपरा का महत्वपूर्ण केंद्र

प्रधानमंत्री ने कहा कि कुरुक्षेत्र की इसी धरती पर खड़े होकर भगवान श्री कृष्ण ने सत्य और न्याय की रक्षा को सबसे बड़ा धर्म बताया था। श्री गुरु तेग बहादुर जी ने भी सत्य, न्याय और आस्था की रक्षा को अपना धर्म माना, इसकी रक्षा उन्होंने अपने प्राण देकर की। श्री गुरु तेग बहादुर जी जैसे व्यक्तित्व, इतिहास में विरले ही होते हैं। उनका जीवन, उनका त्याग, उनका चरित्र बहुत बड़ी प्रेरणा है। मोदी ने कहा कि कुरुक्षेत्र की यह पवित्र भूमि, सिख परंपरा का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। लगभग सभी गुरु अपनी पावन यात्राओं के दौरान यहां आए।

राम मंदिर ध्वजारोहण युगांतकारी क्षण

अयोध्या, 25 नवंबर (एजेंसी)

प्रधानमंत्री नरेंद्री मोदी ने मंगलवार को अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर वैदिक मंत्रोच्चार और जय श्री राम के नारों की गूंज के बीच केसरिया ध्वज फहराया। इस अनुष्ठान के साथ ही मंदिर का निर्माण औपचारिक रूप से पूरा हो गया। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे ‘युगांतकारी’ क्षण की संज्ञा देते हुए कहा कि ‘सदियों के जख्म और दर्द भर रहे हैं’, क्योंकि 500 साल पुराना संकल्प आखिरकार राम मंदिर के औपचारिक निर्माण के साथ पूरा हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘यह केवल ध्वजा नहीं, यह भारतीय सभ्‍यता के पुनर्जागरण का ध्‍वज है। यह संकल्प, सफलता, संघर्ष से सृजन की गाथा, सदियों से चले आ रहे सपनों का साकार स्वरूप है।’

प्रधानमंत्री ने मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर भगवान श्रीराम और मां सीता की ‘विवाह पंचमी' के अभिजीत मुहूर्त पर तिकोने झंडे का आरोहण किया। मोदी ने ध्वजारोहण के बाद अपने संबोधन में कहा कि राम सिर्फ एक व्यक्ति नहीं, एक मूल्य हैं, मर्यादा हैं, दिशा हैं और अगर भारत को 2047 तक विकसित बनाना है, अगर समाज को शक्तिशाली बनाना है तो हमें अपने भीतर राम को जगाना होगा।’

मोदी ने भगवान राम के आदर्शों का उल्लेख करते हुए कहा कि हमें अपने भीतर के राम की समीक्षा करनी होगी। इस संकल्प के लिए आज से बेहतर दिन क्या हो सकता है। राम मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण समारोह में मोदी के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी थे। इसके पहले प्रधानमंत्री मोदी सप्त मंदिर पहुंचे और महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, महर्षि वाल्मीकि, देवी अहिल्या, निषादराज गुह और माता शबरी मंदिर में भी पूजा की। मोदी ने मां अन्नपूर्णा के भी दर्शन किये। उन्होंने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में भगवान राम लला की आरती और पूजन किया। रामनगरी पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी का जोरदार स्वागत हुआ। ‘जय श्री राम’ और ‘जय जय हनुमान’ नारों के बीच अयोध्यावासियों ने प्रधानमंत्री के काफिले पर पुष्प वर्षा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज अयोध्या नगरी भारत की सांस्कृतिक चेतना के एक और उत्कर्ष-बिंदु की साक्षी बन रही है। श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर ध्वजारोहण उत्सव का यह क्षण अद्वितीय और अालौकिक है। मोदी ने कहा कि पवित्र ध्वज इस बात का सबूत होगा कि असत्य पर आखिरकार सत्य की जीत होती है। उन्होंने मंदिर निर्माण में योगदान देने वालों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘मैं उन सभी को बधाई देता हूं जिन्होंने राम मंदिर निर्माण में दान दिया या किसी भी तरह से मदद की।’ आरएसएस प्रमुख ने कहा, ‘आज हम सबके लिए एक सार्थकता का दिवस है। इतने लोगों ने सपना देखा, प्रयास किया, प्राण अर्पण किये, आज उनकी आत्मा तृप्त

हुई होगी।’

ध्वज पर ॐ, सूर्य और कोविदार वृक्ष : श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अनुसार ध्वज पर भगवान श्री राम की प्रतिभा और वीरता के प्रतीक चमकते सूर्य की तस्वीर है। इस पर कोविदार वृक्ष की तस्वीर के साथ ॐ लिखा है। केसरिया ध्वज ‘रामराज्य के आदर्शों को दिखाते हुए गरिमा, एकता और सांस्कृतिक निरंतरता का संदेश देगा।’ 2500 ग्राम वजन वाले वाटर प्रूफ एवं फायर प्रूफ ध्वज की लंबाई 24 फुट और चौड़ाई 11 फुट है। यह ध्वज पारंपरिक उत्तर भारतीय नागर शैली में बने शिखर पर फहराया गया, जबकि मंदिर के चारों ओर बना 800 मीटर का परकोटा (दक्षिण भारतीय वास्तु शैली में डिजाइन किया गया घेरा) मंदिर की शिल्प विविधता को दिखाता है।

Advertisement
×