नयी दिल्ली, 31 अगस्त (एजेंसी)
देश के सम्मानित राजनेता और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का सोमवार शाम निधन हो गया। वे 21 दिन तक कई बीमारियों से संघर्ष करते रहे। वे 84 वर्ष के थे। उन्हें गत 10 अगस्त को सेना के ‘रिसर्च एंड रेफरल हाॅस्पिटल’ में भर्ती कराया गया था। उसी दिन उनके मस्तिष्क की सर्जरी की गयी थी। अस्पताल में भर्ती कराये जाने के समय वह कोरोना संक्रमित पाये गए थे। साथ ही फेफड़ों में संक्रमण के लिए भी इलाज किया जा रहा था। उन्हें रविवार को ‘सेप्टिक शॉक’ आया था। चिकित्सकों ने कहा कि शाम साढ़े 4 बजे दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया।
लंबे समय तक कांग्रेस के नेता रहे मुखर्जी 7 बार सांसद रहे। इसके बाद 2012 से 2017 तक देश के 13वें राष्ट्रपति रहे। उनके परिवार में दो पुत्र और एक पुत्री हैं। उनके निधन पर विभिन्न हस्तियों ने दुख जताया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि उनका जाना एक युग का अंत है। सार्वजनिक जीवन में विराट कद हासिल करने वाले प्रणब दा ने भारत माता की सेवा एक संत की तरह की। देश के एक विलक्षण सपूत के चले जाने से समूचा राष्ट्र शोकाकुल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘भारत रत्न प्रणब मुखर्जी के निधन पर भारत आज दुखी है। देश के विकास में वह अमिट छाप छोड़ गए हैं। वे एक सर्वोत्कृष्ट विद्वान और उच्च कोटि के राजनीतिज्ञ थे, जिनकी प्रशंसा सभी राजनीतिक दल और समाज के सभी वर्गों में होती है।’ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, ‘हमारे पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी जी के दुखद निधन की खबर मिली। देश बहुत दुखी है। उनके परिवार और मित्रों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है।’ कांग्रेस अध्यक्ष सोिनया गांधी, केंद्रीय मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह ने भी शोक प्रकट किया।