सुप्रीम कोर्ट में रीकाउंटिंग से पलटा पानीपत के एक ग्राम सरपंच का नतीजा
सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के पानीपत ज़िले के बुआना लाखू गांव की ग्राम पंचायत के सरपंच के चुनाव से संबंधित इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और अन्य रिकॉर्ड मंगवाए और अपने परिसर में पुनर्गणना करवाई, जिससे नतीजे पलट गए। यह अपनी तरह का पहला मामला है। ईवीएम की दोबारा गिनती सुप्रीम कोर्ट की ओएसडी (रजिस्ट्रार) कावेरी ने दोनों पक्षों और उनके वकीलों की मौजूदगी में की और पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी की गई। जस्टिस सूर्यकांत की अगुवाई वाली पीठ ने 11 अगस्त के अपने आदेश में कहा, ‘पानीपत के उपायुक्त-सह-निर्वाचन अधिकारी को इस संबंध में दो दिनों के भीतर एक अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया जाता है, जिसमें अपीलकर्ता (मोहित कुमार) को उपरोक्त ग्राम पंचायत का निर्वाचित सरपंच घोषित किया जाए।’ पीठ में जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह भी शामिल थे।
यह विवाद 2 नवंबर, 2022 को पानीपत जिले के बुआना लाखू गांव की ग्राम पंचायत के सरपंच के चुनाव से संबंधित था, जिसमें कुलदीप सिंह ने मोहित कुमार को हराया और निर्वाचित घोषित किए गए। अपीलकर्ता कुमार ने पानीपत के अतिरिक्त सिविल जज (वरिष्ठ डिवीजन)-सह-चुनाव न्यायाधिकरण के समक्ष चुनाव परिणाम को चुनौती देते हुए एक चुनाव याचिका दायर की, जिसने 22 अप्रैल, 2025 को उपायुक्त-सह-चुनाव अधिकारी द्वारा बूथ संख्या 69 के मतों की पुनर्गणना का आदेश दिया। हालांकि, इस आदेश को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने 1 जुलाई, 2025 को रद्द कर दिया। इसके बाद कुमार ने शीर्ष अदालत का रुख किया। 31 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम और अन्य रिकॉर्ड पेश करने का निर्देश देते हुए कहा कि रजिस्ट्रार द्वारा केवल एक बूथ के बजाय सभी बूथों के मतों की पुनर्गणना
करवाई जाए।