अमेठी, 24 फरवरी (एजेंसी)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परिवारवाद की राजनीति पर कड़ा प्रहार करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि घोर परिवारवादियों की सरकार में उनके खानदान के लोग ही मंत्रियों से ऊपर ‘सुपर मिनिस्टर’ होते हैं और उनकी मर्जी के बगैर एक पत्ता तक नहीं हिलता है। मोदी ने कभी नेहरू-गांधी परिवार के गढ़ कहे जाने वाले अमेठी में आयोजित चुनावी रैली में वोट बैंक और परिवारवाद की राजनीति पर हमला करते हुए कहा कि दोनों ही तरह की राजनीति ने देश का बहुत नुकसान किया है। उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर आरोप लगाया, ‘परिवारवाद की राजनीति में पार्टी का अध्यक्ष परिवार का होता है। पार्टी के सभी महत्वपूर्ण पदों पर भी परिवार के लोग ही जमे होते हैं। इन पार्टियों में जो परिवार को समर्पित होता है, उसी को वहां कुछ अवसर मिलता है।’ प्रधानमंत्री ने दावा किया कि ऐसी पार्टियों के लिए संविधान सर्वोच्च नहीं होता, बल्कि परिवार का सुप्रीमो ही सुप्रीम होता है। प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि इन नेताओं ने वोट बैंक की राजनीति और तुष्टीकरण को बढ़ावा दिया, उसे खाद-पानी दिया। उन्होंने कहा कि आज वोट बैंक की राजनीति ने, तुष्टीकरण की राजनीति ने, इन नेताओं और इन राजनीतिक दलों को अपना बंधक बना लिया है, इसलिए आज भी उनका हर फैसला इसी वोट बैंक की राजनीति के हिसाब से ही होता है। मोदी ने कहा कि दशकों बाद उत्तर प्रदेश में ऐसे चुनाव हो रहे हैं, जब कोई सरकार गरीबों के हित में किए गए कार्यों और सुधरी हुई कानून-व्यवस्था के आधार पर आपसे वोट मांग रही है।