सीधे मेट्रो स्टेशन पर उतारेगी घर की लिफ्ट
कल्पना कीजिए कि आप सुबह अपने अपार्टमेंट से निकलें और लिफ्ट से सीधे मेट्रो स्टेशन में प्रवेश कर जाएं। बीच में ऑटो, कैब या ई-रिक्शा का कोई झंझट ही न रहे। यही भविष्य की तस्वीर है, जिसे शहरी विकास मंत्रालय गुरुग्राम और एनसीआर के अन्य शहरों के लिए तैयार कर रहा है।
केंद्रीय शहरी विकास, आवास एवं ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने शुक्रवार को गुरुग्राम में मेट्रो विस्तार परियोजना के शिलान्यास मौके पर इस महत्वाकांक्षी योजना का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में मेट्रो स्टेशनों के ऊपर या आसपास मल्टी-स्टोरी बिल्डिंग बनाई जाएंगी, जिनमें प्राइवेट बिल्डर्स की साझेदारी होगी। इन बिल्डिंग्स को सीधे मेट्रो से जोड़ा जाएगा, ताकि लोग ‘डोर-टू-डोर कनेक्टिविटी’ का लाभ उठा सकें।
अभी तक मेट्रो को लेकर सबसे बड़ी चुनौती यही रही है कि स्टेशन तक पहुंचने के लिए यात्रियों को निजी गाड़ियों, ऑटो या ई-रिक्शा का सहारा लेना पड़ता है। इससे ट्रैफिक का बोझ बढ़ता है और समय भी बर्बाद होता है। लेकिन नयी योजना इस समस्या का स्थायी हल देने वाली है। टोक्यो, सिंगापुर व दुबई के इस मॉडल की गुजरात के गांधीनगर में शुरू हो चुकी है, जहां मेट्रो स्टेशन पर फाइव स्टार होटल बनाया गया है।
अहमदाबाद दौरे के दौरान केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल इस प्रोजेक्ट को कायदे समझ भी चुके हैं। उन्होंने अपने मंत्रालय को एनसीआर में भी इसी कंसेप्ट पर काम करने के लिए कार्ययोजना बनाने के आदेश दे दिए हैं। मेट्रो स्टेशन के ऊपर मल्टी-स्टोरी बिल्डिंग्स और डायरेक्ट कनेक्टिविटी की यह योजना एनसीआर में ट्रांसपोर्ट एवं शहरी विकास को नया चेहरा देगी। प्राइवेट बिल्डरों की भूमिका : सरकार इस योजना को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर लागू करेगी। बिल्डर्स को मेट्रो स्टेशनों के आसपास डेवलपमेंट का अधिकार दिया जाएगा। बदले में उन्हें स्टेशन से डायरेक्ट कनेक्टिविटी बनानी होगी। इससे बिल्डर्स को भी फायदा होगा, क्योंकि ऐसी लोकेशन पर प्रॉपर्टी की कीमतें और डिमांड दोनों बढ़ेंगी। रियल एस्टेट विशेषज्ञ मानते हैं कि इससे ‘वॉक टू वर्क, वॉक टू मेट्रो’ की अवधारणा मजबूत होगी और शहरी जीवनशैली अंतर्राष्ट्रीय स्तर की होगी।
यात्रियों को होगा यह लाभ :
घर से सीधे मेट्रो तक : किसी ऑटो/कैब की जरूरत नहीं।
समय की बचत : जाम और इंतजार से छुटकारा।
कम प्रदूषण : निजी वाहनों पर निर्भरता घटेगी।
सुरक्षा : महिलाओं और बुजुर्गों के लिए सुरक्षित विकल्प।
किफायती जीवन : ट्रैवल कॉस्ट और समय दोनों की बचत।
} दुनिया के कई विकसित शहरों में मेट्रो स्टेशनों को सीधे कमर्शियल और रेजिडेंशियल बिल्डिंग्स से जोड़ा गया है। अब यह मॉडल एनसीआर में भी लागू होगा। मेट्रो सिर्फ एक ट्रांसपोर्ट सुविधा नहीं, बल्कि शहरी जीवनशैली का हिस्सा बनेगी। अहमदाबाद में मेट्रो स्टेशन के ऊपर बना फाइव स्टार होटल मॉडल इसमें अहम रोल प्ले करेगा। शहरी विकास मंत्रालय इस पर तेजी से काम कर रहा है। ~
-मनोहर लाल, केंद्रीय शहरी विकास व आवास मंत्री
क्या होगा नया मॉडल
n मल्टी-स्टोरी बिल्डिंग्स : मेट्रो स्टेशन के ऊपर या साथ में ऊंची बिल्डिंग बनाई जाएगी। इनमें अपार्टमेंट्स, ऑफिस और कमर्शियल स्पेस होंगे।
n डायरेक्ट एंट्री : बिल्डिंग के अंदर से ही एस्केलेटर/ लिफ्ट के जरिए सीधे मेट्रो स्टेशन में प्रवेश संभव होगा।
n सुविधाओं का हब : इन बिल्डिंग्स में शॉपिंग एरिया, जिम, रेस्टोरेंट भी होंगे, ताकि एक ही जगह पर सारी जरूरतें पूरी हों।
n ग्रीन और सस्टेनेबल : बिल्डिंग्स में सोलर पैनल, वर्षा जल संचयन और एनर्जी-एफिशिएंट डिजाइन अपनाए जाएंगे।
एनसीआर के शहरों को होगा फायदा
n गुरुग्राम : आईटी हब और कॉर्पोरेट पार्क सीधे मेट्रो से जुड़े तो कर्मचारियों का सफर आसान होगा।
n नोएडा/ग्रेटर नोएडा : रेजिडेंशियल सोसायटी और मॉल्स को मेट्रो स्टेशन से जोड़ने पर निजी वाहनों की जरूरत घटेगी।
n फरीदाबाद : औद्योगिक क्षेत्रों के कर्मचारियों को आने-जाने में सुविधा होगी।
n गाजियाबाद : रैपिड रेल स्टेशनों को हाउसिंग प्रोजेक्ट्स से लिंक करने पर ट्रैफिक दबाव कम होगा।
विदेशी मॉडल
n टोक्यो (जापान) : यहां मेट्रो स्टेशन, सीधे ऊंची इमारतों, मॉल्स और ऑफिस कॉम्प्लेक्स जुड़े हुए हैं। लाखों लोग रोजाना बिना सड़क पर कदम रखे घर से दफ्तर पहुंचते हैं।
n सिंगापुर : मेट्रो स्टेशन को शॉपिंग मॉल और रेजिडेंशियल टावर से जोड़ने का ट्रेंड आम है।
n दुबई : यहां मेट्रो से सीधे होटल और बिजनेस टावर्स जुड़े हुए हैं, जिससे पर्यटक और बिजनेस ट्रैवलर बिना सड़क पर आए गंतव्य तक पहुंच जाते हैं।