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उद्योग जगत को भाया, आम आदमी के लिए हितकारी बताया

भारतीय निवेशकों के लिए उठाए जा सकते थे कुछ और कदम
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-प्रेट्र
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नयी दिल्ली, 23 जुलाई (एजेंसी)

उद्योग जगत ने मंगलवार को पेश बजट को आम आदमी के हितों पर ध्यान केंद्रित करते हुए राजकोषीय मजबूती के मार्ग पर अग्रसर बताने के साथ ही कहा कि इसमें भारतीय निवेशकों के लिए कुछ और कदम उठाए जा सकते थे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में वित्त वर्ष 2024-25 का बजट पेश किया। यह मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट है। हिंदुजा ग्रुप ऑफ कंपनीज (इंडिया) के चेयरमैन अशोक हिंदुजा ने कहा, ‘बजट से पता चलता है कि मोदी सरकार का इस कार्यकाल में लक्ष्य राजकोषीय सुदृढ़ीकरण की राह पर आगे बढ़ना है। कृषि क्षेत्र और किफायती एवं शहरी आवासीय अवसंरचना पर ध्यान केंद्रित करना ठोस कदम है और यह एक शुभ संकेत है।’

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आरपीजी एंटरप्राइजेज के चेयरमैन हर्ष गोयनका ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘भारतीय टीम के विश्व कप जीतने के बाद वित्त मंत्री ने आम आदमी के हितों पर ध्यान केंद्रित करते हुए टीम इंडिया के लिए मैच जीतने वाला बजट पेश किया। एक अनुभवी कप्तान के नेतृत्व में सावधानीपूर्वक, विस्तृत और अच्छी तरह शोध से बनाया बजट देश की नब्ज को दर्शाता है।’ उद्योग मंडल सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि यह बजट ‘समावेश के साथ वृद्धि तेज करने के लिए भारत की सफल समग्र आर्थिक रणनीति को निरंतरता प्रदान करता है।’

पीएचडी चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने कहा कि यह बजट विकासोन्मुख और समावेशी है। हालांकि होटल एवं रेस्तरां निकाय एफएचआरएआई के अध्यक्ष प्रदीप शेट्टी ने होटल क्षेत्र के लिए बजट में कोई विशेष उपाय न किए जाने पर निराशा जताई। वाहन निर्माता कंपनियों के संगठन सियाम के अध्यक्ष विनोद अग्रवाल ने कहा कि भारतीय वाहन उद्योग कई बजट घोषणाओं, खासकर अगले पांच वर्षों में बुनियादी ढांचे के लिए मजबूत राजकोषीय समर्थन के साथ आर्थिक वृद्धि पर निरंतर जोर देने का स्वागत करता है। भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष एनजी खेतान ने कहा कि बजट एमएसएमई क्षेत्र में शिक्षा, कौशल और विनिर्माण के माध्यम से युवाओं के सामने आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।

स्टार्टअप में निवेश करने पर ‘एंजल’ टैक्स खत्म

स्टार्टअप कंपनियों को बड़ी राहत देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को सभी वर्ग के निवेशकों के लिए ‘एंजल’ कर समाप्त करने की घोषणा की। एंजल कर का मतलब वह आयकर है जो सरकार गैर-सूचीबद्ध कंपनियों या स्टार्टअप द्वारा जुटाई गई धनराशि पर लगाती है, यदि उनका मूल्यांकन कंपनी के उचित बाजार मूल्य से अधिक है। उन्होंने ई-कॉमर्स कंपनियों तथा दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ के संदर्भ में कुछ वित्तीय साधनों के लिए कर दरों में विभिन्न बदलावों की भी घोषणा की। केंद्रीय बजट से पहले उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने स्टार्टअप पर इस शुल्क को हटाने की सिफारिश की थी। पिछले साल सितंबर में आयकर विभाग ने नए एंजल कर नियमों को अधिसूचित किया था। सरकार के पास 1.17 लाख से ज्यादा स्टार्टअप पंजीकृत हैं। ये सरकार की ‘स्टार्टअप इंडिया’ पहल के तहत प्रोत्साहन पाने के पात्र हैं।

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