नयी दिल्ली, 27 अप्रैल (एजेंसी)
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि उसने अपने जजों, कर्मियों और उनके परिवारों के लिए किसी पांच सितारा होटल में कोरोना केंद्र बनाने का कोई अनुरोध नहीं किया। जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस रेखा पल्ली की पीठ ने उस समाचार रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लिया, जिसमें कहा गया था अशोका होटल के 100 कमरों को दिल्ली हाईकोर्ट के अनुरोध पर उसके जजों के लिए कोरोना केंद्र में बदला गया है। चाणक्यपुरी के एसडीएम द्वारा 25 अप्रैल को जारी आदेश में कहा गया था कि दिल्ली हाईकोर्ट के आग्रह पर अशोका होटल में कोरोना केंद्र बनाया जा रहा है और उसे प्राइमस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल से संबद्ध किया जाएगा। पीठ ने इस आदेश को गलत बताते हुए कहा कि इसके कारण यह छवि पेश हुई है कि दिल्ली हाईकोर्ट के जजों ने यह आदेश अपने लाभ के लिए जारी किया या दिल्ली सरकार ने अदालत को खुश करने के लिए ऐसा किया है। अदालत ने वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा के इस दावे से असहमति जताई कि मीडिया ने ‘बदमाशी’ की। उसने कहा, ‘मीडिया ने कुछ गलत नहीं किया। मीडिया ने केवल यह बताया कि आदेश में क्या गलत था और गलत एसडीएम का आदेश था। इसके साथ ही अदालत दिल्ली सरकार से तत्काल सुधारात्मक कदम उठाने को कहा।