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विदेशी एयरपोर्ट पर जन्म नामकरण से पहले पड़ी पासपोर्ट की जरूरत... और नन्ही परी घर आई

दोहा के हमाद अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर यह एक सामान्य पड़ाव था। लेकिन, अहमदाबाद से अटलांटा जा रही एक युवा भारतीय महिला के लिए यात्रा में उस समय नाटकीय मोड़ आ गया, जब उसे अचानक प्रसव पीड़ा हुई और उसने...

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दोहा के हमाद अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर यह एक सामान्य पड़ाव था। लेकिन, अहमदाबाद से अटलांटा जा रही एक युवा भारतीय महिला के लिए यात्रा में उस समय नाटकीय मोड़ आ गया, जब उसे अचानक प्रसव पीड़ा हुई और उसने वहीं टर्मिनल पर एक बच्ची को जन्म दिया।

नवजात बच्ची अचानक एक अंतर्राष्ट्रीय ‘नन्ही’ यात्री बन गई। उसे भारत लौटने से पहले जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट जैसे दस्तावेजों की आवश्यकता थी। मां के लिए बेटी के जन्म की खुशी तुरंत ही डर, भ्रम और कानूनी व चिकित्सीय बाधाओं के साथ घुल-मिल गई। हालांकि, जैसे ही यह खबर फैली, हर तरफ से मदद आ गई। दोहा स्थित भारतीय दूतावास ने कागजी कार्यवाही सुनिश्चित की। सामुदायिक संगठन- पुनर्जनी कतर और गुजराती समाज कतर आगे आए और विदेशी धरती पर मां का विस्तृत परिवार बन गए। सभी मुश्किल समय में मां और बच्चे के साथ खड़े रहे। कई दिनों के बाद बच्ची और मां को घर जाने की अनुमति मिली। भारतीय दूतावास ने शुक्रवार को उनकी सुरक्षित वापसी की घोषणा की और सामुदायिक समूहों को धन्यवाद दिया। वह बच्ची, जिसे नामकरण से पहले ही पासपोर्ट की जरूरत पड़ गई थी, अब भारत में अपने घर पर सुरक्षित है।

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