Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

पृथ्वीराज चौहान के ऐतिहासिक किले पर बाढ़ का खतरा

पानी के बहाव में चारों ओर से खिसक चुका है किले का बड़ा हिस्सा
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
पानी के बहाव से कटा ऐतिहासिक किले का हिस्सा। -निस
Advertisement

हांसी, 17 जुलाई (निस)

12 वीं सदी के प्रसिद्ध राजपूत योद्धा पृथ्वीराज चौहान द्वारा बनवाया गया हांसी का ऐतिहासिक किला प्रशासन की अनदेखी के चलते धीरे-धीरे अपना वजूद खो रहा है। किले की आज स्थिति ये है कि किले का बहुत बड़ा हिस्सा बरसाती पानी के बहाव से कट चुका है। बहुत से हिस्से पर लोगों ने अवैध कब्जा कर लिया है। किले की देखरेख की जिम्मेदारी पुरातत्व विभाग के पास है। परंतु प्रशासन ऐतिहासिक धरोहर को बचाने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहा है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि किले के चारों ओर कटाव को रोकने के लिए दीवार का निर्माण कार्य करवाना था। परंतु विभाग द्वारा किस्तों में भी किले के चारों ओर निर्माण कार्य नहीं करवाया जा सका है। पिछले 20 सालों में विभाग द्वारा किले के कटाव को रोकने के लिए केवल 4 बार ही दीवार का निर्माण कार्य शुरू किया है। हर बार में केवल 50-55 फीट दीवार का निर्माण करवाया गया। किले की देखरेख के लिए कर्मचारियों की भी तैनाती की गई है। करीब 25 एकड़ में फैले पृथ्वीराज चौहान के किले का इतिहास हो या फिर बड़सी गेट दरवाजा, हांसी में कई ऐतिहासिक धरोहरें हैं।

Advertisement

किले का इतिहास

यह किला 12 वीं सदी के प्रसिद्ध राजपूत योद्धा पृथ्वीराज चौहान द्वारा बनाया गया था। इसे जॉर्ज थॉमस ने 1798 में दोबारा बनवाया, जब उसने हांसी को अपनी रियासत की राजधानी बनाया, जिसमें हिसार और रोहतक शामिल थे। चौकोर आकार का यह किला 30 एकड़ में फैला है, जो 52 फुट ऊंची और 37 फुट मोटी दीवार से घिरा है। यह प्राचीन भारत के सबसे मजबूत किलों में से एक था।

नशेड़िया का अड़्डा बना

विभाग द्वारा किले की देखरेख के लिए कर्मचारियों की तैनाती की गई है। परंतु कर्मचारियों की लापरवाही और विभाग की अनदेखी के चलते आज यहीं ऐतिहासिक किला नशेड़ियों के लिए सबसे सुरक्षित स्थान बन गया है। किले की दीवार न बनने से किसी ओर से भी नशेड़ी किले पर पहुंच जाते हैं।

नहीं हो पाया अवैध कब्जाधारियों से मुक्त : ऐतिहासिक किला आज तक अवैध कब्जाधारियों से मुक्त नहीं हो पाया है। वर्ष 2018 में अवैध कब्जाधारियों को प्रशासन की ओर से नोटिस थमाए गए थे। परंतु आज तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। परंतु विभाग की ओर से रूचि न लेने के चलते किला की जमीन सिमटती जा रही है। ऐतिहासिक किले की जमीन पर काबिज परिवारों के पुनर्वास को लेकर स्थानीय शहरी निकाय विभाग के आदेश पर नगर परिषद द्वारा सर्वे करवाया गया था। रिपोर्ट तैयार कर एसडीएम को सौंपी गई थी। इस रिपोर्ट के अनुसार किले की जमीन पर वर्षो से काबिज परिवार 192 थे। परंतु बाद में ये 192 से घटकर मात्र 163 रह गए थे। टीम द्वारा किये गए सर्वे में सामने आया था कि लंबे समय से चले आ रहे विवाद व कब्जे हटाने की मुहिम के चलते 29 परिवार अपने स्तर पर किले की जमीन को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में पुर्नवास कर चुके हैं।

Advertisement
×