नयी दिल्ली, 2 नवंबर (एजेंसी)
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार को कहा कि देश में इस साल सितंबर और अक्तूबर के दौरान अत्यंत भारी वर्षा की 125 घटनाएं दर्ज की गईं, जो पांच वर्षों में सबसे अधिक है। दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की देर से वापसी और सामान्य से अधिक निम्न दबाव प्रणाली इसके प्रमुख कारण हैं।
आईएमडी के आंकड़ों के मुताबिक देश में सितंबर में अत्यधिक भारी बारिश की 89 घटनाएं दर्ज की गईं, जबकि पिछले साल इसी महीने में 61, वर्ष 2019 में 59, वर्ष 2018 में 44 और 2017 में 29 घटनाएं हुई। इस साल अक्तूबर में 36 ऐसी घटनाएं हुईं, जबकि 2020 में इसी अवधि में 10 की तुलना में 2019 में 16, वर्ष 2018 में 17 और 2017 में 12 घटनाएं हुईं।
मौसम विभाग ने कहा कि प्रचंड मौसम की घटनाओं के कारणों में मॉनसून की देर से वापसी, इस अवधि के दौरान सामान्य से अधिक कम दबाव प्रणाली और अक्तूबर में कम दबाव प्रणाली के साथ सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ की स्थिति शामिल है। इस अवधि के दौरान देश में दो चक्रवात, एक गहरे दबाव और छह निम्न दबाव सहित नौ कम दबाव वाली प्रणालियों ने प्रभावित किया।
आंकड़ों में 15 मिलीमीटर से नीचे दर्ज की गई वर्षा को हल्की, 15 से 64.5 मिमी को मध्यम, 64.5 मिमी और 115.5 मिमी को भारी और 115.6 और 204.4 के बीच बारिश को बहुत भारी माना जाता है। वहीं 204.4 मिमी से ज्यादा बारिश को अत्यधिक भारी वर्षा माना जाता है।