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बादल थोड़ा थमे, बाढ़ का सितम जारी

बाढ़ प्रभावित पंजाब में लोगों को लगातार हो रही भारी बारिश से शुक्रवार को कुछ राहत मिली, लेकिन जलमग्न इलाकों में परेशानी बरकरार है। राज्य में आई विनाशकारी बाढ़ में मरने वालों की संख्या बढ़कर 43 हो गई है। लुधियाना...
पंजाब के मंड इलाके में बाढ़ से क्षतिग्रस्त एक घर। -मल्कीयत सिंह
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बाढ़ प्रभावित पंजाब में लोगों को लगातार हो रही भारी बारिश से शुक्रवार को कुछ राहत मिली, लेकिन जलमग्न इलाकों में परेशानी बरकरार है। राज्य में आई विनाशकारी बाढ़ में मरने वालों की संख्या बढ़कर 43 हो गई है। लुधियाना में सतलुज नदी का जलस्तर खतरनाक रूप से बढ़ जाने से ससराली (लुधियाना पूर्व) के पास स्थित धुस्सी बांध पर लगातार दबाव बढ़ रहा है। जिला प्रशासन, सेना, एनडीआरएफ और स्थानीय ग्रामीण दिनभर बांध को मजबूत करने में जुटे रहे। लुधियाना के दर्जनों गांवों में अलर्ट जारी करते हुए लोगों को ऊपरी मंजिलों पर शरण लेने और एक मंजिला मकानों में रहने वालों को अस्थायी राहत केंद्रों में जाने काे कहा गया। इस बीच, हालात का जायजा लेने आयी केंद्रीय टीम ने फाजिल्का जिले के जलालाबाद उपमंडल का दौरा किया।

उधर, हरियाणा के कुछ हिस्सों में भी जलभराव की स्थिति बनी रही। इस बीच, लगातार 105 घंटे से खुले हथिनीकुंड बैराज के सभी 18 गेट शुक्रवार दोपहर एक बजे बंद किये जाने से दिल्ली-हरियाणा को राहत मिली। पानी एक लाख क्यूसेक से कम हो गया, लेकिन दूसरी तरफ भूमि कटाव लगातार जारी रहा। यमुना से सटे टापू कमालपुर में स्थिति अत्यंत गंभीर है।

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उधर, हिमाचल प्रदेश में मणिमहेश यात्रा मार्ग पर फंसे करीब 350 श्रद्धालुओं को वायुसेना के हेलीकॉप्टरों के जरिये भरमौर से चंबा पहुंचाया गया। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कुल्लू और मनाली के आपदा प्रभावित इलाकों का दौरा कर नुकसान का जायजा लिया। इस बीच, इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) ने पंजाब के फाजिल्का, फिरोजपुर और संगरूर जिले के करीब 350 बाढ़ग्रस्त गांवों को गोद लेने की घोषणा की। इनेलो के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय चौटाला ने बताया कि पार्टी कार्यकर्ताओं को इन गांवों की जिम्मेदारी सौंपी है।

सीएम मान अस्वस्थ, कैबिनेट की अहम बैठक रद्द : पंजाब में बाढ़ की स्थिति पर चर्चा के लिए शुक्रवार को प्रस्तावित मंत्रिमंडल की अहम बैठक रद्द कर दी गई। हालांकि, आधिकारिक तौर पर कारण नहीं बताया गया, लेकिन सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री भगवंत मान तेज बुखार से पीड़ित हैं और फिलहाल स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। यह बैठक राज्य में राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा के उद्देश्य से बुलाई गई थी।

भाखड़ा : गाद के कारण 19 प्रतिशत घटी क्षमता

ललित मोहन/ ट्रिन्यू

रोपड़ : पंजाब में बाढ़ के कारण भाखड़ा और पौंग बांध की संग्रहण क्षमता पर सवाल उठ रहे हैं। लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) के अधिकारी भाखड़ा और पौंग बांध के जलाशयों में अधिक पानी रोक सकते थे। ट्रिब्यून द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों से पता चला है कि भाखड़ा बांध की जल संग्रहण क्षमता लगभग 19 प्रतिशत कम हो गई है। इसका प्रमुख कारण गाद जमा होना है। बांध के डिजाइन के अनुसार, जलाशय में प्रतिवर्ष 33.61 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) गाद आने का अनुमान था। लेकिन, जलाशय में 39.01 एमसीएम गाद पहुंच रही है। इसके परिणामस्वरूप 1959 से 2024 तक बांध की भंडारण क्षमता में लगभग 19 प्रतिशत की कमी आई है। बीबीएमबी अधिकारियों के अनुसार, हिमाचल प्रदेश के पहाड़ों में निर्माण कार्य और कटाव, भाखड़ा बांध जलाशय में गाद के उच्च प्रवाह का कारण है। सूत्रों ने बताया कि बिलासपुर जिले में सतलुज नदी के ऊपरी हिस्से में कोल बांध के निर्माण के दौरान 2003 से 2015 तक भाखड़ा बांध में गाद का प्रवाह तेजी से बढ़ा। इसके बाद 2015 से 2017 तक गाद का प्रवाह कम हुआ। हालांकि, 2018 के बाद गाद का प्रवाह एक बार फिर बढ़ने लगा। बीबीएमबी अधिकारियों ने इसका कारण हिमाचल प्रदेश में चार लेन सड़कों का निर्माण बताया। भाखड़ा बांध के चीफ इंजीनियर, सीपी सिंह ने संपर्क करने पर बताया कि बीबीएमबी गाद निकालने के लिए निविदाएं जारी करने को तैयार है। इसके लिए सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं, लेकिन एक साल से भी ज्यादा समय से हिमाचल सरकार की अनुमति का इंतजार है।

 

पंजाब में बाढ़ के लिए अवैध खनन जिम्मेदार : चौहान

अदिति टंडन/ ट्रिन्यू

नयी दिल्ली : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पंजाब में दशकों की सबसे भीषण बाढ़ के लिए अवैध खनन को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि राज्य में राहत और पुनर्वास के लिए केंद्र अल्पकालिक, मध्यम और दीर्घकालिक योजनाओं पर काम करेगा। वह शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राज्य में जमीनी नुकसान के बारे में जानकारी दे सकते हैं। एक अनुमान के अनुसार, राज्य की लगभग चार लाख एकड़ कृषि भूमि जलमग्न हुई है और बड़ी मात्रा में खड़ी फसलें बर्बाद हो गयी हैं। बृहस्पतिवार को पंजाब का दौरा कर चुके चौहान ने शुक्रवार को कहा कि अवैध खनन के कारण तटबंध कमजोर होने के कारण बाढ़ का पानी पंजाब के गांवों में घुस गया है। वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, ‘जब वाजपेयी जी प्रधानमंत्री थे और बादल जी पंजाब के मुख्यमंत्री थे, तब हमने संकट की स्थिति में कृषि भूमि और फसलों को बचाने के लिए प्रमुख नदियों के चारों ओर मिट्टी के तटबंध बनाए थे।’

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