मुकदमा दिखावे के लिए नहीं, गंभीरता से लड़ना चाहिए : सुप्रीम कोर्ट
नयी दिल्ली, 10 फरवरी (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामलों में आरोपियों को बरी करने के खिलाफ अपील दायर नहीं करने पर सोमवार को दिल्ली पुलिस से कहा कि अभियोजन सिर्फ दिखावे के लिए नहीं, बल्कि गंभीरता से किया जाना चाहिए। अदालत ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व सदस्य एसजी सिंह काहलों की आेर से दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की।
जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्ज्ल भुइयां की पीठ ने दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व कर रही एएसजी ऐश्वर्या भाटी से कहा कि बरी किए गए लोगों के खिलाफ विशेष अनुमति याचिकाएं (एसएलपी) दायर की जानी चाहिए और ईमानदारी के साथ मुकदमा लड़ा जाना चाहिए। पीठ ने कहा, ‘कई मामलों में आपने दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेश को चुनौती नहीं दी है। स्पष्ट रूप से कहा जाए तो एसएलपी दायर करने से तब तक कोई उद्देश्य पूरा नहीं होता, जब तक कि इसे गंभीरता से दायर करके मुकदमा न चलाया जाए। आप हमें बताएं कि पहले जो मामले दायर किए गए थे, क्या उन पर बहस करने के लिए कोई वरिष्ठ वकील नियुक्त किए गए थे? इसे केवल दिखावे के लिए नहीं, बल्कि गंभीरता से किया जाना चाहिए।