प्रथम शर्मा/हप्र
झज्जर, 3 जून
कश्मीर में आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब देते हुए 9 गोली लगने के बाद भी मौत को मात देने वाले सीआरपीएफ के जांबाज कमांडेंट चेतन चीता झज्जर के एम्स-2 में कोरोना और ब्लैक फंगस से जंग लड़ रहे हैं। उनकी हालत नाजुक बतायी जा रही है। उन्हें आईसीयू में वेंटिलेटर पर रखा गया है। चेतन का ऑक्सीजन लेवल 40 प्रतिशत बताया जाता है। जानकारी के अनुसार उनके फेफड़ों में संक्रमण फैल गया है। उनका ब्लैक फंगस का सफल ऑपरेशन भी हो चुका है। कोरोना संक्रमित होने के बाद 9 मई से चेतन का झज्जर एम्स-2 में इलाज चल रहा है। 31 मई को तबीयत ज्यादा खराब होने पर उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। डॉक्टरों ने कहा कि एंटी-वायरल थैरेपी से उनकी हालत में सुधार हुआ है, लेकिन रविवार को अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। एम्स-2 के इंचार्ज डा़ एंजेल राजन सिंह ने बताया कि चेतन की हालत अभी स्थिर है, वह रिकवरी कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार चेतन के लिए 48 घंटे काफी महत्वूपर्ण हैं। अस्पताल की ओर से एंटी-वायरल थैरेपी के अलावा, बैक्टीरियल संक्रमण के इलाज के लिए एंटीबायोटिक्स का प्रबंध किया गया है। इसके अलावा उन्हें ब्लड प्रेशर की समस्या है, जिसकी दवाइयां उन्हें दी जा रही हैं।
नर्सिंग स्टाफ रख रहा विशेष ध्यान
एम्स का नर्सिंग स्टाफ चेतन चीता की अतिरिक्त देखभाल कर रहा है। नर्सिंग स्टाफ ने अपने व्हाट्सएप ग्रुप में मैसेज डालकर चेतन का हर समय ध्यान रखने को कहा था। तभी से पूरा नर्सिंग स्टाफ 24 घंटे स्वेच्छा से उनकी देखभाल कर रहा है। रोहतक के सांसद डा. अरविंद शर्मा भी चेतन के स्वास्थ्य की जानकारी ले रहे हैं।
कौन हैं चेतन चीता
चेतन के शरीर में 14 फरवरी, 2017 को कश्मीर में आतंकियों से लड़ते वक्त 9 गोलियां लगी थीं। उसके बाद भी वह उनसे लड़ते रहे थे और उनकी टुकड़ी ने तीन आतंकियों को मार गिराया था। आतंकवादियों से लड़ते हुए उनके मस्तिष्क, दाहिनी आंख, पेट, दोनों हाथ में कई गोलियां लगी थीं। तब चीता कश्मीर में सीआरपीएफ की 45वीं बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर थे। गंभीर घायल होने के बाद उन्हें श्रीनगर के अस्पताल में भर्ती कराया गया बाद में उन्हें एम्स में शिफ्ट किया गया। वह करीब 3 महीने कोमा में रहे थे और फिर ठीक होकर ड्यूटी ज्वाइन की थी।