मुंबई, 31 जुलाई (एजेंसी)
धनशोधन मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उपनगरीय भांडुप इलाके में शिवसेना सांसद संजय राउत के आवास पर नौ घंटे तक तलाशी ली और लंबी पूछताछ के बाद उन्हें शाम को एजेंसी के दक्षिण मुंबई कार्यालय ले जाया गया। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
राउत ने दावा किया कि उन्हें ‘फर्जी सबूत’ के आधार पर फंसाया जा रहा है, लेकिन वह न तो झुकेंगे, न ही पार्टी छोड़ेंगे। राउत ने ईडी कार्यालय के बाहर पत्रकारों से कहा, ‘वे (ईडी) मुझे गिरफ्तार करने जा रहे हैं। मुझे गिरफ्तार किया जा रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘झुकेगा नहीं।’ उन्होंने आरोप लगाया कि ईडी की कार्रवाई का उद्देश्य शिवसेना और महाराष्ट्र को कमजोर करना है और उनके खिलाफ एक ‘झूठा’ मामला तैयार किया गया है। ईडी की कार्रवाई तड़के शुरू होने के बाद राउत ने ट्वीट किया कि वह मर जाएंगे, लेकिन आत्मसमर्पण नहीं करेंगे और शिवसेना को कभी नहीं छोड़ेंगे। ईडी के अधिकारी रविवार सुबह सात बजे केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों के साथ राउत के ‘मैत्री’ बंगले पर पहुंचे और तलाशी शुरू की।
यह कार्रवाई ईडी द्वारा राउत के खिलाफ जारी दो समन के बाद की गई है। सबसे नया समन 27 जुलाई को जारी किया गया था। राउत को मुंबई के एक ‘चॉल’ के पुनर्विकास और उनकी पत्नी एवं अन्य ‘सहयोगियों’ की संलिप्तता वाले लेन-देन में कथित अनियमितताओं से जुड़े धनशोधन के एक मामले में पूछताछ के लिए ईडी ने तलब किया था।
राउत इस मामले में अपना बयान दर्ज करवाने के लिए एक जुलाई को मुंबई में एजेंसी के समक्ष पेश हुए थे। इसके बाद एजेंसी ने उन्हें दो बार तलब किया था, लेकिन मौजूदा संसद सत्र में व्यस्त रहने का हवाला देते हुए पेश नहीं हुए।
इस बीच, राज्यसभा सदस्य राउत ने कुछ भी गलत करने से इनकार किया है और आरोप लगाया है कि उन्हें राजनीतिक प्रतिशोध लेने के लिए निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने ईडी की कार्रवाई के कुछ ही देर बाद ट्वीट किया, ‘मैं दिवंगत बालासाहेब ठाकरे की सौगंध खाता हूं कि मेरा किसी घोटाले से कोई संबंध नहीं है।’
ईडी की छापेमारी के दौरान राउत के आवास के बाहर बड़ी संख्या में शिवसेना के समर्थक एकत्र हो गये और एजेंसी की कार्रवाई का विरोध किया।