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18वीं लोकसभा की शुरुआत इमरजेंसी के काले अध्याय से

नयी दिल्ली, 26 जून (एजेंसी) भाजपा सांसद ओम बिरला को बुधवार को ध्वनिमत से अठारहवीं लोकसभा का अध्यक्ष चुन लिया गया। स्पीकर के रूप में कामकाज संभालने के बाद उन्होंने 1975 के आपातकाल की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पढ़ा,...
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लोकसभा अध्यक्ष चुने गये ओम बिरला को आसन तक छोड़ने पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू। -प्रेट्र
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नयी दिल्ली, 26 जून (एजेंसी)

भाजपा सांसद ओम बिरला को बुधवार को ध्वनिमत से अठारहवीं लोकसभा का अध्यक्ष चुन लिया गया। स्पीकर के रूप में कामकाज संभालने के बाद उन्होंने 1975 के आपातकाल की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पढ़ा, जिस पर सदन में कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने जोरदार हंगामा करते हुए नारेबाजी की। इसके बाद सत्तापक्ष के सदस्यों ने कुछ देर मौन रखा, हालांकि विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी और टोकाटाकी जारी रखी।

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बिरला ने कहा, ‘भारत के इतिहास में 25 जून, 1975 को काले अध्याय के रूप में जाना जाएगा। उस दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाया था और बाबासाहेब आंबेडकर द्वारा निर्मित संविधान पर प्रचंड प्रहार किया था।... इंदिरा गांधी द्वारा तानाशाही थोप दी गई थी, लोकतांत्रिक मूल्यों को कुचला गया था और अभिव्यक्ति की आजादी का गला घोंटा गया था। नागरिकों के अधिकार नष्ट कर दिए गए थे। पूरे देश को जेलखाना बना दिया गया था। तब की तानाशाही सरकार ने मीडिया पर पाबंदी लगा दी थी, न्यायपालिका पर अंकुश लगा दिया था।’

ओम बिरला लगातार दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष बने हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अध्यक्ष पद के लिए उनके नाम का प्रस्ताव रखा, जिसका रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अनुमोदन किया। इस प्रस्ताव को प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने सदन में मतदान के लिए रखा और इसे ध्वनिमत से मंजूरी मिल गयी। विपक्ष ने लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस सांसद के. सुरेश को अपना प्रत्याशी बनाया था, लेकिन सदन में स्वस्थ परम्पराओं का निर्वहन करते हुए इंडिया गठबंधन ने मत विभाजन पर जोर नहीं दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने बिरला के पास जाकर उन्हें बधाई दी। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी बिरला को बधाई दी और साथ ही प्रधानमंत्री मोदी से हाथ मिलाया।

स्पीकर ने राहुल गांधी को दी नेता प्रतिपक्ष की मान्यता

-प्रेट्र

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को सदन में नेता प्रतिपक्ष के रूप में आधिकारिक रूप से मान्यता दे दी। राहुल गांधी का नेता प्रतिपक्ष का दर्जा नौ जून से प्रभावी रहेगा। वह लोकसभा में रायबरेली का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। राहुल गांधी ने बधाई देने वाले नेताओं का आभार जताया और कहा कि उनके लिए यह अधिकारों की लड़ाई लड़ने की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने एक वीडियो जारी कर कहा, ‘देश की जनता, कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और ‘इंडिया’ के सहयोगियों का मुझ पर भरोसा जताने के लिए दिल से धन्यवाद। विपक्ष का नेता सिर्फ एक पद नहीं है - यह आपकी आवाज़ बनकर आपके हितों और अधिकारों की लड़ाई लड़ने की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है।’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘हमारा संविधान गरीबों, वंचितों, अल्पसंख्यकों, किसानों, मजदूरों का सबसे बड़ा हथियार है और हम उस पर किए गए हर हमले का पूरी ताकत से जवाब देकर उसकी रक्षा करेंगे। मैं आपका हूं और आपके लिए ही हूं।’

मंत्रियों-राजग सांसदों का कांग्रेस के खिलाफ प्रदर्शन

-प्रेट्र

केंद्रीय मंत्रियों समेत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों ने 1975 में आपातकाल लगाने के लिए कांग्रेस पर निशाना साधते हुए बुधवार को संसद परिसर में प्रदर्शन किया और संविधान की अवहेलना करने के लिए मुख्य विपक्षी पार्टी से माफी की मांग की। इस बीच, भाजपा ने कांग्रेस को एक बार फिर आपातकाल के मुद्दे पर घेरना शुरू कर दिया है। इस क्रम में सत्तारूढ़ गठबंधन (राजग) ने 25 जून को आपातकाल की 49वीं बरसी की पृष्ठभूमि में आपातकाल के मुद्दे पर देशव्यापी कार्यक्रमों की भी शुरुआत की है। आपातकाल लगाए जाने की निंदा करने वाला प्रस्ताव पढ़े जाने और संविधान पर हमले को लेकर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की आलोचना किये जाने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जैसे ही सदन की कार्यवाही स्थगित की, बड़ी संख्या में भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सांसद हाथों में तख्तियां लेकर संसद भवन परिसर में नारे लगाने लगे।

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