नयी दिल्ली, 4 अप्रैल (एजेंसी)
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश भर में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर रविवार को एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की और महामारी के सतत प्रबंधन और सामाजिक जागरूकता बढ़ाने के साथ ही जन भागीदारी और जन आंदोलन जारी रखने की जरूरत पर बल दिया। संकमण को फैलने से रोकने के लिए उन्होंने टेस्टिंग (जांच), ट्रेसिंग (संपर्कों का पता लगाना), ट्रीटमेंट (उपचार करना), कोविड बचाव संबंधी सावधानियों और टीकाकरण की पांच स्तरीय रणनीति को बेहद गंभीरता तथा प्रतिबद्धता के साथ अपनाने पर जोर दिया।
इस समीक्षा बैठक में एक प्रस्तुति भी दी गई, जिसके मुताबिक देश में कुल संक्रमित मामलों में 91 प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदारी 10 राज्यों की है और इन्हीं राज्यों में कोविड-19 से सर्वाधिक मौतें भी हुई हैं। बैठक में महाराष्ट्र, पंजाब और छत्तीसगढ़ के हालात पर चिंता जताई गई और इसके मद्देनजर प्रधानमंत्री ने इन राज्यों में जन स्वास्थ्य विशेषज्ञों तथा चिकित्सकों की केन्द्रीय टीम भेजने का निर्देश दिया। इस बैठक में कैबिनेट सचिव, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
6 से 14 तक विशेष अभियान
बैठक के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि 6 से 14 अप्रैल के बीच कोविड-19 महामारी के अनुरूप व्यवहार करने मसलन शत-प्रतिशत मास्क के उपयोग, व्यक्तिगत स्वचछता पर जोर देने के साथ ही कोविड बचाव संबंधी सावधानियों के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। प्रधानमंत्री ने इस समीक्षा बैठक के दौरान आने वाले दिनों में अस्पतालों में बिस्तरों की उपलब्धता, जांच की उचित व्यवस्था और समय रहते मरीजों को अस्पतालों में भर्ती कराना सुनिश्चित करने को कहा। बयान के मुताबिक कोविड मामलों में वृद्धि बचाव संबंधी उपायों का पालन न करने, खासकर मास्क न पहनने और दो गज की दूरी के नियम में कोताही के कारण हुई है।
प्रोटोकाल का पालन न करने से बिगड़ी स्थिति : गुलेरिया
देश के 11 राज्यों में कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति गंभीर है और आंकड़े चिंता बढ़ाने वाले हैं। नयी दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक रणदीप गुलेरिया का कहना है कि कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन नहीं किए जाने से स्थिति बिगड़ी है और स्थिति ठीक वैसी ही होती जा रही है जैसी क्रिसमस के बाद ब्रिटेन में देखने को मिली थी। गुलेरिया का कहना है कि संक्रमण के मामले कम होने के बाद लोग सोचने लगे कि कोविड खत्म हो गया है और टीकाकरण शुरू होने के बाद लापरवाही स्पष्ट रूप से सामने आई। मास्क लगाने, भीड़ एकत्र नहीं करने, दो गज की दूरी जैसे प्रोटोकाल की अनदेखी की जाने लगी।
पंजाब और महाराष्ट्र से सबसे ज्यादा दैनिक मामले
महाराष्ट्र और पंजाब देश के ऐसे दो राज्य हैं, जहां पिछले एक पखवाड़े से कोरोना वायरस संक्रमण के सर्वाधिक दैनिक मामले सामने आ रहे हैं। सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ कैबिनेट सचिव की बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा पेश किए गए दस्तावेजों में बताया गया कि ये दोनों राज्य उन पांच राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में शामिल हैं, जहां दैनिक मामलों की अपनी पुरानी चरम संख्या से भी अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। इन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में चंडीगढ़, छत्तीसगढ़ और गुजरात भी शामिल है।