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Terrorism जम्मू-कश्मीर में 60 विदेशी आतंकवादी सक्रिय, सबसे ज्यादा लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े

नयी दिल्ली, 14 मार्च (ट्रिन्यू) Terrorism सुबह होते ही देशभर के लोग होली के रंग में डूबे, लेकिन इस बीच जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद को लेकर चिंता बढ़ाने वाली खबर सामने आई है। फिलहाल घाटी में 60 विदेशी आतंकवादी सक्रिय हैं,...
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नयी दिल्ली, 14 मार्च (ट्रिन्यू)

Terrorism सुबह होते ही देशभर के लोग होली के रंग में डूबे, लेकिन इस बीच जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद को लेकर चिंता बढ़ाने वाली खबर सामने आई है। फिलहाल घाटी में 60 विदेशी आतंकवादी सक्रिय हैं, जिनमें से सबसे ज्यादा 35 आतंकियों का संबंध लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से है। इसके अलावा, 17 स्थानीय आतंकवादी भी सक्रिय हैं, जिनमें से 14 श्रीनगर घाटी में और 3 जम्मू सेक्टर में अपने मंसूबों को अंजाम दे रहे हैं।

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विदेशी आतंकियों में लश्कर का दबदबा

सूत्रों के अनुसार, विदेशी आतंकवादियों में लश्कर-ए-तैयबा के अलावा जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और हिजबुल मुजाहिदीन (HM) के आतंकवादी भी शामिल हैं। आंकड़ों के मुताबिक, 21 आतंकी जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े हैं, जबकि 3 आतंकियों का संबंध हिजबुल मुजाहिदीन से है।

आतंकी घटनाओं में गिरावट, लेकिन खतरा बरकरार

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 2019 में जम्मू-कश्मीर में 250 से अधिक आतंकी घटनाएं दर्ज की गई थीं, जबकि 2024 के अंत तक यह संख्या घटकर करीब 40 रह गई। हालांकि, पिछले साल जम्मू क्षेत्र में आतंकी गतिविधियों में वृद्धि देखी गई, जिसमें सबसे बड़ा हमला जून 2024 में रियासी में हुआ था। इस हमले में आतंकियों ने एक बस को निशाना बनाया था, जिसमें 9 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी।

PoK में आतंकी हमले की साजिश, लेकिन सुरक्षा बल सतर्क

जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में बैठे आतंकियों द्वारा हमले की साजिश रचने की जानकारी सामने आई थी। हालांकि, सुरक्षाबलों की सतर्कता के कारण कोई बड़ी आतंकी घटना नहीं हुई। वर्तमान में सुरक्षाबल जम्मू-कश्मीर में सक्रिय विदेशी और स्थानीय आतंकियों का खात्मा करने में जुटे हुए हैं।

सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर

सूत्रों के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में विदेशी आतंकियों की गतिविधियां फिर से बढ़ रही हैं, लेकिन यह किसी बड़े इनफ्लक्स (घुसपैठ) का संकेत नहीं है। केवल कुछ आतंकी अपने पुराने ठिकानों को फिर से स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह अलर्ट पर हैं और जल्द ही इन आतंकियों का सफाया करने के लिए अभियान तेज किया जाएगा।

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