नयी दिल्ली, 1 सितंबर (एजेंसी)
वोडाफोन आइडिया, भारती एयरटेल और टाटा टेलीसर्विसेज जैसी कंपनियों को दूरसंचार विभाग (डीओटी) को समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) से संबंधित बकाया चुकाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ 10 साल का समय दिया है। इसके साथ ही मंगलवार को कोर्ट ने इन कंपनियों को एजीआर का 10 प्रतिशत बकाया 31 मार्च, 2021 तक चुकाने का निर्देश दिया।
जस्टिस अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि दूरसंचार विभाग ने एजीआर के बकाये की जो मांग की है और सुप्रीम कोर्ट ने इसपर जो निर्णय दिया है, वह अंतिम है। पीठ ने कंपनियों के प्रबंध निदेशकों/सीईओ को निर्देश दिया है कि वे बकाया के भुगतान के बारे में 4 सप्ताह में वचन या व्यक्तिगत गारंटी दें। साथ ही कोर्ट ने आगाह किया कि एजीआर के बकाये की किस्त के भुगतान में चूक की स्थिति में जुर्माना, ब्याज लगेगा और यह कोर्ट की अवमानना भी होगी।
कोर्ट ने कहा कि दिवाला प्रक्रिया से गुजर रही दूरसंचार कंपनियों द्वारा स्पेक्ट्रम की बिक्री के मुद्दे पर राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) फैसला करेगा। यह निर्णय 1.6 लाख करोड़ रुपये के एजीआर के बकाये के भुगतान की समयसीमा सहित अन्य मुद्दों पर आया है। अपना आदेश सुनाते हुए पीठ ने कहा कि दूरसंचार कंपनियों द्वारा अंतिम किस्त के भुगतान तक, उनके द्वारा दूरसंचार विभाग को दी गई बैंक गारंटी को कायम रखा जाएगा। इससे पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान पीठ ने इस मुद्दे पर दलीलें सुनी थीं कि क्या दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता के तहत आने वाली दूरसंचार कंपनियां स्पेक्ट्रम की बिक्री कर सकती हैं।